अकलतरा के बाना परसाही में फिर आदिवासी महिला का खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार, पक्के मुक्तिधाम की कमी उजागर

जिले के अकलतरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी बहुल गांव बाना परसाही में बुनियादी सुविधाओं की गंभीर कमी एक बार फिर सामने आई है। गांव में एक आदिवासी महिला के निधन के बाद अंतिम संस्कार खुले आसमान के नीचे अस्थाई तौर पर बनाया गया मुक्तिधाम में करना पड़ा। गांव में स्थायी मुक्तिधाम नहीं होने के कारण, परिजनों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
शव को दिनभर घर में रखना पड़ा
सूत्रों के मुताबिक, महिला का निधन मंगलवार देर रात हो गया था, लेकिन बारिश और उचित स्थान की अनुपलब्धता के चलते उसका अंतिम संस्कार उसी दिन नहीं किया जा सका। परिजन मजबूरी में शव को पूरे दिन घर में ही रखने पर विवश हो गए। बुधवार को जब आसमान साफ हुआ, तब अस्थाई जगह पर पैरा (पराली) की मदद से चिता सजाकर अंतिम संस्कार किया गया।
मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला
यह मामला ना सिर्फ ग्राम स्तर पर आधारभूत ढांचे की कमी को उजागर करता है बल्कि आदिवासी समाज की उपेक्षा की एक तस्वीर भी पेश करता है। अंतिम संस्कार जैसी मूलभूत सुविधा का अभाव, सरकार और स्थानीय प्रशासन की योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन पर सवाल खड़े करता है।
स्थानीय लोग नाराज़
गांव के लोगों ने बताया कि उन्होंने पक्के मुक्तिधाम की मांग कई बार की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। गांव की अधिकांश आबादी आदिवासी समुदाय की है, जिनके पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही कोई स्थायी व्यवस्था।
प्रशासन से अपील
गांववासियों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से स्थायी मुक्तिधाम के निर्माण की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी अन्य परिवार को ऐसी दुर्दशा का सामना न करना पड़े।
यह घटना याद दिलाती है कि विकास सिर्फ घोषणाओं से नहीं होता, जब तक वह अंतिम व्यक्ति तक न पहुंचे।
प्रशासन को चाहिए कि वह इस संवेदनशील मामले का संज्ञान लेकर तत्काल मुक्तिधाम के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करे।
Ask ChatGPT