सुकमा: मेटागुड़ा क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता, हथियार और विस्फोटक बरामद
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मेटागुड़ा क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने जंगल और पहाड़ी इलाके में छिपाकर रखे गए भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री और अन्य नक्सली उपयोग में आने वाले सामान बरामद किए हैं। इस कार्रवाई से नक्सलियों की साजिशों को बड़ा झटका लगा है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान जिला पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और कोबरा बटालियन के संयुक्त दल द्वारा चलाया गया। खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने मेटागुड़ा के घने जंगल और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। तलाशी के दौरान नक्सलियों द्वारा जमीन के नीचे और झाड़ियों के बीच छिपाकर रखे गए हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया गया।
बरामद सामग्री में देसी हथियार, बंदूक के पुर्जे, डेटोनेटर, आईईडी बनाने का सामान, बारूद, वायर, नक्सली साहित्य और दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल नक्सली सुरक्षा बलों को निशाना बनाने और क्षेत्र में दहशत फैलाने के लिए करने की योजना बना रहे थे।
सुकमा के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह कार्रवाई नक्सल नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक अहम सफलता है। उन्होंने कहा कि मेटागुड़ा और आसपास के इलाकों में नक्सली लंबे समय से सक्रिय हैं और इस क्षेत्र को अपने सुरक्षित ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं। सुरक्षा बलों की लगातार सक्रियता के कारण नक्सलियों की गतिविधियों पर लगाम लगी है।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान किसी भी प्रकार की मुठभेड़ नहीं हुई और सभी जवान सुरक्षित हैं। हालांकि, अभियान के दौरान नक्सलियों की मौजूदगी के संकेत मिले हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नक्सली सुरक्षा बलों की कार्रवाई की भनक लगते ही मौके से फरार हो गए।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि बरामद हथियारों और विस्फोटकों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये सामग्री किन नक्सली संगठनों से जुड़ी हुई है और इनका इस्तेमाल कहां किया जाना था। इसके साथ ही इलाके में सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है, ताकि नक्सलियों के अन्य ठिकानों का भी पता लगाया जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित जिले में इस तरह की कार्रवाई सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में मददगार साबित होगी। इससे न केवल नक्सलियों की ताकत कमजोर होगी, बल्कि स्थानीय लोगों में भी सुरक्षा का भरोसा बढ़ेगा।
पुलिस और सुरक्षा बलों ने स्थानीय ग्रामीणों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि या नक्सलियों की आवाजाही की जानकारी मिले तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि नक्सल विरोधी अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा और किसी भी कीमत पर क्षेत्र में शांति और विकास को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
इस कार्रवाई को सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे आने वाले समय में नक्सली गतिविधियों पर और प्रभावी अंकुश लगने की उम्मीद है।

