कंबोडिया से भारत के बैंक खातों पर ‘डाका’, 10 करोड़ से अधिक ठगी; कैसे गुजरात से पकड़ा गया मास्टरमाइंड
छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। राजनांदगांव पुलिस ने कंबोडिया से संचालित एक गिरोह के एक सदस्य को गुजरात से गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार 23 जनवरी को लखोली निवासी व स्टेशन रोड स्थित च्वाइस सेंटर के मैनेजर रूपेश साहू ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैंक ऑफ बड़ौदा में उसका बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया है।
साहू ने बताया कि 22 दिसंबर 2024 को राजनांदगांव निवासी आशुतोष शर्मा ने धोखाधड़ी कर 90 हजार रुपए की रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर ली, जिसके कारण बैंक खाते को फ्रीज कर दिया गया है। आवेदक की सूचना के आधार पर अपराध क्र. 33/25 धारा 318(4) बीएनएस, 66(सी) आई.टी. आरोपी आशुतोष शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस पर मुकदमा दर्ज कर जांच की गई।
इस तरह इसका पर्दाफाश हुआ।
हाल ही में खच्चर बैंक खातों के उपयोग से संबंधित साइबर अपराध में वृद्धि को देखते हुए सख्त कार्रवाई की गई। राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र नायक द्वारा थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक रामेंद्र सिंह एवं साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक विनय कुमार पम्मार के नेतृत्व में संयुक्त टीम गठित कर आरोपी की पतासाजी हेतु निर्देशित किया गया। सबसे पहले पुलिस टीम द्वारा आरोपी आशुतोष शर्मा से सख्ती से पूछताछ की गई।
आशुतोष शर्मा के ज्ञापन के आधार पर मामले में 03 आरोपियों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पहले आरोपी श्रेणिक कुमार संघवी को गुजरात के वलसाड से गिरफ्तार किया गया। जबकि एक अन्य आरोपी शुभम तिवारी को राजनांदगांव से तथा तीसरे आरोपी दीपक नरेड्डी को भी राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से गिरफ्तार किया गया। चौथे आरोपी रोहित महेश कुमार को पश्चिमी अंधेरी, मुंबई (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया गया। सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
गिरोह का सरगना गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी श्रेणिक और रोहित विरवानी के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस को एक अंतरराष्ट्रीय अपराधी के बारे में जानकारी मिली जो गिरोह का मास्टरमाइंड है। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे कंबोडिया स्थित ठगी केंद्र में जाकर ठगी गिरोह के साथ सक्रिय होकर ठगी करते थे। इस अवधि के दौरान, आरोपी अलकेश कुमार प्रेमजी भाई मांगे, जिसने विभिन्न बैंक खाता विवरण और पंजीकृत सिम कार्ड प्रदान किए, गिरोह को धोखाधड़ी करने में मदद की और उसी भारतीय धन से क्रिप्टोकरेंसी- यूएसडीटी (यू.एस. डॉलर टीथर) खरीद कर साइबर जालसाजों को इसे कंबोडिया वापस भेजने में मदद की, वह डुंगरी वलसाड, गुजरात का निवासी है। ऐसे में आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर उसे 20 मार्च को एयरपोर्ट पुणे शहर क्षेत्र से हिरासत में लिया गया। गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल किया तथा मौके पर ही आरोपी के कब्जे से ठगी में प्रयुक्त 02 मोबाइल सेट, 02 एटीएम कार्ड एवं 08 सिम कार्ड जब्त किए गए।
10 करोड़ की धोखाधड़ी हुई
गिरफ्तार आरोपी अलकेश को 21 मार्च को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया तथा शिवाजी नगर, पुणे स्थित न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त करने के पश्चात आरोपी को सिटी कोतवाली राजनांदगांव पुलिस थाने में लाया गया। उन्हें न्यायिक रिमांड के लिए राजनांदगांव अदालत में पेश किया गया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि आरोपी अलकेश मांगे जनवरी 2025 से कंबोडिया चला गया था। कंबोडिया जाने से पहले भी आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ मुंबई में सक्रिय था और कंबोडिया स्थित ठगी केंद्र को बैंक खाते और किट उपलब्ध करा रहा था। गिरफ्तार आरोपी और उसके गिरोह ने कंबोडिया घोटाला केंद्र में बैठकर SHADI.COM प्लेटफॉर्म और ADONI वन ग्रुप, CISCO, COSTCOP आदि फर्जी निवेश कंपनियों के माध्यम से ऑनलाइन नौकरी और कार्यों के नाम पर देशभर के भोले-भाले लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की थी। इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। मामले की जांच जारी है।