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दगोरी-बिल्हा के बीच रेल फ्लाईओवर निर्माण के संबंध में कलेक्टर ने इस क्षेत्र के 6 गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। निर्माण एलाइनमेंट के अंतर्गत आने वाले गांवों में जमीन की अवैध और अनाधिकृत खरीद-फरोख्त की संभावना को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।
गौरतलब है कि इस संबंध में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के उप मुख्य अभियंता (निर्माण) द्वारा प्रशासन को पत्र भेजा गया था। इसके अनुसार कलेक्टर संजय अग्रवाल ने एक आदेश जारी कर उक्त रेलवे लाइन के आसपास के क्षेत्र में आने वाली सभी जमीनों की खरीद-फरोख्त पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह आदेश अंतिम अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहेगा।
इन गांवों में प्रतिबंध
रेलवे के पत्र और शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार दगोरी-बिल्हा के बीच रेल फ्लाईओवर निर्माण के लिए क्षेत्र चिन्हित कर जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई है। इसमें बिल्हा अनुविभाग के बिल्हा, दगोरी, गोढ़ी, उटगन, किरारीगोड़ी, भैंसबाड़ गांव में स्थित किसी भी भूमि की खरीद-फरोख्त कलेक्टर की अनुमति के बिना नहीं की जा सकेगी।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग रायपुर ने भी अक्टूबर माह में भू-अर्जन प्रक्रिया के तहत भूमि के बेहतर प्रशासन के लिए भूमि के हस्तांतरण, विभाजन, डायवर्सन और खरीद-फरोख्त पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं। क्योंकि भूमि का विभाजन, छोटे-छोटे टुकड़ों में हस्तांतरण और अधिग्रहण के उद्देश्य में परिवर्तन के कारण भूमि अधिग्रहण की लागत में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है।
इस प्रक्रिया में मूल भूमि स्वामी को उचित लाभ मिलने के बजाय भूमि की खरीद-फरोख्त में शामिल बिचौलिए और भू-माफिया मुनाफा कमाते हैं। इसके अलावा भूमि के अवैध हस्तांतरण के कारण शासन को अनावश्यक आर्थिक क्षति होती है और मुकदमेबाजी के कारण जनहित की परियोजनाएं अनावश्यक रूप से विलंबित होती हैं।