रायपुर में पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, लेकिन नगर निगम के पास कोई डेटा नहीं
राजधानी रायपुर में पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है, लेकिन नगर निगम के पास अभी तक इसका कोई ठोस डेटा उपलब्ध नहीं है। नियमों के अनुसार, कुत्ता पालने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इसकी जानकारी नगर निगम को देनी अनिवार्य है, लेकिन न तो मालिक इस नियम का पालन कर रहे हैं और न ही निगम प्रशासन इस पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
नियमों की अनदेखी से बढ़ती समस्या
नगर निगम द्वारा कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कर उनका ट्रैक रखना जरूरी होता है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से जरूरी कदम उठाए जा सकें। हालांकि, इस नियम की अनदेखी के कारण कई पालतू कुत्ते बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों और घरों में घूम रहे हैं। इससे डॉग बाइट यानी कुत्तों के काटने की घटनाओं में भी वृद्धि देखी जा रही है।
मेकाहारा अस्पताल में डॉग बाइट के मरीजों की बढ़ती संख्या
मेकाहारा अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन करीब 20 डॉग बाइट के मरीज आते हैं, जिनमें अधिकांश पालतू कुत्तों के काटने के शिकार होते हैं। ये आंकड़े इस बात की गंभीरता को दर्शाते हैं कि पालतू कुत्तों की सुरक्षा और नियंत्रण की व्यवस्था कितनी महत्वपूर्ण है।
निगम प्रशासन की कड़ी करनी होगी कार्रवाई
नगर निगम को चाहिए कि वह कुत्ता पालने वालों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाकर सख्ती से लागू करे। साथ ही कुत्तों के वैक्सीनेशन और नियंत्रण के लिए जागरूकता अभियान चलाए ताकि लोगों को इसके महत्व का अहसास हो। प्रशासन द्वारा नियमों की उचित पालना न होने पर जुर्माना लगाने जैसे कदम भी उठाए जाने चाहिए।
जनता की चिंता
नगर निगम के इस लापरवाही भरे रवैये से जनता में चिंता बढ़ती जा रही है। लोग अपने और अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन और नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाएं ताकि डॉग बाइट जैसी घटनाओं को रोका जा सके।

