महासमुंद में अवैध शराब की बिक्री पर पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल, जनता कर रही एसपी और कलेक्टर से शिकायत

महासमुंद जिले के थाना क्षेत्रों में इन दिनों अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से चल रही है, और पुलिस प्रशासन इससे नजदीकी से अवगत होने के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। एक तरफ जहां थाना क्षेत्रों की पुलिस छोटी-मोटी कार्रवाइयों को लेकर अपनी पीठ थपथपाने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर अवैध शराब के कारोबार में पुलिस का संरक्षण मिलने की शिकायतें भी लगातार बढ़ रही हैं। यह स्थिति सार्वजनिक विश्वास और सुरक्षा पर सवाल उठाती है, जिसके कारण स्थानीय लोग एसपी और कलेक्टर से कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं।
अवैध शराब का धंधा: खुला खेल
जिले के कई थाना क्षेत्रों में अवैध शराब की बिक्री जोरों पर है। कोचियों द्वारा इसका व्यापार किया जा रहा है, और पुलिस को यह पूरी तरह से ज्ञान होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। कई बार इन कोचियों को पुलिस का संरक्षण मिलने की खबरें सामने आई हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह व्यापार पुलिस के आशीर्वाद से संचालित हो रहा है। इस पर स्थानीय निवासियों की ओर से लगातार एसपी और कलेक्टर को लिखित शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
पुलिस की लापरवाही पर सवाल
स्थानीय लोग आरोप लगाते हैं कि पुलिस सिर्फ छोटे स्तर पर गिरफ्तारियां करती है और फिर अपनी कार्रवाई का प्रचार करती है, जबकि असल में अवैध शराब का व्यापार जिले भर में फैला हुआ है। खासकर थाना क्षेत्रों में ही इस कारोबार को पनपने दिया जा रहा है। जब लोगों ने इसकी शिकायत की, तो पुलिस की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया और यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी और कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रह गया।
लोग अब एसपी और कलेक्टर से उम्मीद लगाए बैठे
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अवैध शराब के व्यापार के कारण युवा पीढ़ी खासकर शराब के आदी हो रही है और यह समाज में अपराध, असमाजिक गतिविधियों और मानसिक बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है। ऐसे में अब लोग एसपी और कलेक्टर से उम्मीद कर रहे हैं कि वे इस मामले में गंभीर कदम उठाएंगे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।