छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को जड़ से मिटाने की तैयारी, अमित शाह ने दौरे में दिखाया सरकार का मजबूत इरादा

छत्तीसगढ़ के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा और वैज्ञानिक ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। अपने दौरे की शुरुआत में वे नवा रायपुर के सेक्टर-2 में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) परिसर और देश की सबसे हाईटेक फोरेंसिक लैब का शिलान्यास करेंगे। यह विश्वविद्यालय भारत सरकार द्वारा गुजरात में संचालित है, जो फोरेंसिक विज्ञान, अपराध विज्ञान, खोजी अनुसंधान और फोरेंसिक मनोविज्ञान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है। इससे वैज्ञानिक जांच के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को बड़ी सुविधा मिलेगी।
शाह करेंगे उच्च स्तरीय बैठक
इसके बाद अमित शाह नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के डीजीपी और एडीजीपी के साथ नक्सल ऑपरेशन की रणनीति को लेकर अहम बैठक करेंगे। इस उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भी शामिल होंगे। राज्य सरकार की नई रणनीतियों और "आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति" पर भी चर्चा होगी, जिसकी हाल ही में दिल्ली में हुई शाह-साय बैठक में सराहना की गई थी।
शाम को अमित शाह रायपुर में रात्रि विश्राम करेंगे और अगले दिन 23 जून को बस्तर के अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्रामीणों से सीधे संवाद करेंगे। यह क्षेत्र लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है। वहां वे बीएसएफ जवानों के साथ बैठक करेंगे, उनके साथ लंच करेंगे और ऑपरेशन के फील्ड अनुभवों के बारे में जानेंगे। जवानों का मनोबल बढ़ाने और ग्राउंड फीडबैक लेने के लिहाज से यह दौरा अहम माना जा रहा है।
क्यों है यह दौरा इतना अहम?
शाह का यह दौरा इसलिए अहम है क्योंकि उन्होंने 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन घोषित की है। भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक छत्तीसगढ़ में 427 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और पिछले तीन महीने में 350 से ज्यादा मुठभेड़ दर्ज की गई हैं। अप्रैल में अमित शाह बस्तर पंडुम के समापन समारोह में भी शामिल हुए थे, जहां उन्होंने ऑपरेशन की समीक्षा की थी। उस समय भी उन्होंने साफ किया था कि केंद्र और राज्य की संयुक्त रणनीति की वजह से नक्सल समस्या अब अपने अंतिम चरण में है।