शिक्षा विभाग और निजी स्कूल संचालकों की मिलीभगत से छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, कांग्रेस प्रवक्ता ने लगाए गंभीर आरोप

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और निजी स्कूल संचालकों की मिलीभगत से लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किए जाने का मामला सामने आया है।
यह आरोप कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान लगाए।
क्या हैं आरोप?
विकास तिवारी का कहना है कि:
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सीजी बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में कक्षा पहली से दसवीं तक के छात्र-छात्राओं को सरकार द्वारा निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाती हैं, लेकिन
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जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और स्कूल संचालकों की मिलीभगत से छात्रों को ये किताबें नहीं दी जा रही हैं।
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इसके बजाय छात्रों को महंगी और निजी प्रकाशकों की अप्रमाणित किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
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ये किताबें शिक्षा विभाग द्वारा अनुमोदित भी नहीं हैं, फिर भी स्कूल प्रशासन इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल कर छात्रों और अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल रहा है।
“भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का खेल”
कांग्रेस प्रवक्ता ने इस पूरे मामले को “भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का एक बड़ा खेल” बताया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी और स्कूल संचालक प्राइवेट पब्लिशर्स से कमीशन के बदले ये पुस्तकें छात्रों को थोप रहे हैं।
मांग की गई जांच और कार्रवाई
विकास तिवारी ने राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि:
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पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए
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दोषी अधिकारियों और स्कूल प्रबंधनों पर सख्त कार्रवाई हो
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छात्रों को तुरंत सरकारी मंजूरशुदा निःशुल्क किताबें उपलब्ध कराई जाएं