
छत्तीसगढ़ के प्रख्यात कवि और पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर सुरेंद्र दुबे का आज शुक्रवार को रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन पर शोक की लहर दौड़ गई है। उनके पुत्र अभिषेक दुबे ने पिता को मुखाग्नि दी और इसके साथ ही वे पंचतत्व में विलीन हो गए।
डॉक्टर सुरेंद्र दुबे छत्तीसगढ़ के साहित्य जगत में एक अत्यंत सम्मानित और प्रतिष्ठित नाम थे। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी कविताओं और लेखन ने न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश भर के पाठकों और साहित्य प्रेमियों को प्रेरित किया। उन्होंने साहित्य के माध्यम से समाज में जागरूकता, मानवता और प्रेम का संदेश फैलाया। उनके निधन से साहित्य जगत में एक अपूरणीय क्षति हुई है। परिवार, मित्र और प्रशंसक उनके योगदान को हमेशा सम्मान देंगे और उनके लेखन का प्रभाव लंबे समय तक बना रहेगा।