छत्तीसगढ़ के प्रख्यात हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे का निधन, कला और साहित्य जगत में शोक

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे का निधन हो गया। 72 वर्ष की आयु में गुरुवार को उनका निधन हुआ। वे रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में भर्ती थे, जहां हार्ट अटैक आने के बाद उनका इलाज चल रहा था। हालांकि, वह अपनी जान नहीं बचा सके और इस दुनिया से अलविदा ले गए।
सुरेंद्र दुबे का निधन कला, साहित्य, और राजनीति जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। वह हास्य कवि के रूप में खास पहचान रखते थे और उनकी रचनाओं में जीवन के संघर्षों, समस्याओं और खुशियों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता था। उनकी कविताओं ने कई लोगों को गुदगुदाया और विचारशील भी बनाया। उन्हें उनके योगदान के लिए पद्मश्री जैसे सम्मान से नवाजा गया था।
दुबे की कविताओं का प्रभाव:
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उनकी कविताओं में हास्य और व्यंग्य का अद्वितीय संयोजन था, जो किसी भी विषय को हल्के और मजेदार तरीके से प्रस्तुत करता था।
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छत्तीसगढ़ की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उनके व्यंग्यात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें खास पहचान दिलाई।
शोक की लहर:
सुरेंद्र दुबे के निधन की खबर ने न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी है। कला, साहित्य और राजनीति से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी शोक संदेश जारी किया है। दुबे की काव्य रचनाओं और उनके योगदान को याद करते हुए उन्होंने उनकी आत्मा की शांति की कामना की है।