छत्तीसगढ़ में घोटालों के मास्टरमाइंड रहे पूर्व IAS अनिल टूटेजा, 4000 करोड़ के घोटाले में अब ईओडब्ल्यू की रडार पर
छत्तीसगढ़ के पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा एक बार फिर चर्चाओं में हैं। राज्य में करीब 4000 करोड़ रुपये के चार बड़े घोटालों के कथित सूत्रधार रहे टूटेजा को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने कस्टम मिलिंग घोटाले के सिलसिले में रायपुर सेंट्रल जेल से रिमांड पर लिया है।
ईओडब्ल्यू ने हाल ही में कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद उन्हें रिमांड पर लिया, जिससे इस बहुचर्चित घोटाले की परतें और भी खुलने की संभावना जताई जा रही है।
कौन हैं अनिल टूटेजा?
अनिल टूटेजा छत्तीसगढ़ सरकार में एक समय प्रभावशाली नौकरशाह माने जाते थे। वह खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उद्योग और वाणिज्य विभागों में अहम पदों पर रहे। उनका नाम पहले भी रेत, शराब, पीडीएस घोटालों में सामने आ चुका है। अब कस्टम मिलिंग घोटाले में उनकी मुख्य भूमिका को लेकर जांच एजेंसियों ने शिकंजा कस दिया है।
कस्टम मिलिंग घोटाला क्या है?
कस्टम मिलिंग घोटाला खाद्य विभाग के तहत चावल मिलिंग से जुड़ा हुआ है, जिसमें राज्य के अलग-अलग जिलों में धान को चावल में परिवर्तित करने के दौरान भारी पैमाने पर धांधली की गई। आरोप है कि कागजों पर धान मिलिंग दिखाई गई, जबकि वास्तविकता में वह धान बेचा गया या गायब कर दिया गया। इससे राज्य को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
ईओडब्ल्यू की अब तक की कार्रवाई
-
अनिल टूटेजा को रायपुर सेंट्रल जेल से रिमांड पर लिया गया है
-
पहले ही इस केस में कई अधिकारियों और व्यापारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है
-
ईओडब्ल्यू अब टूटेजा से पूछताछ के जरिए घोटाले की पूरी श्रृंखला और लाभार्थियों की जानकारी जुटा रही है
-
सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले की रकम हवाला चैनलों के जरिए देश-विदेश तक भेजी गई है
चार बड़े घोटाले जिनमें टूटेजा का नाम आया
-
कस्टम मिलिंग घोटाला – वर्तमान में जांच जारी
-
शराब घोटाला – आबकारी विभाग में कमीशनबाजी और फर्जी टेंडरों का आरोप
-
रेत खनन घोटाला – अवैध खनन और लीज आवंटन में अनियमितता
-
पीडीएस घोटाला – सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्यान्न की हेराफेरी
इन सभी मामलों में अनिल टूटेजा की भूमिका प्रमुख बताई जाती रही है, हालांकि उन्होंने हर बार अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है।
क्या कहती है सरकार?
वर्तमान सरकार का कहना है कि घोटालों में शामिल किसी भी अधिकारी या नेता को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के निर्देश पर इन मामलों में तेजी से जांच कराई जा रही है।

