छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी की वजह से बदला स्कूलों का समय, अब इस समय लगेंगी क्लासेज

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में चल रही भीषण गर्मी के चलते विद्यार्थियों और अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव किया गया है। जारी आदेश के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2025 से 2026 के लिए शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त और निजी स्कूलों में कक्षाएं 16 जून यानी आज से शुरू हो गई हैं। राज्य में चल रही वर्तमान भीषण गर्मी के कारण विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की आशंका को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 17 जून 2025 से 21 जून 2025 तक शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त और निजी स्कूलों में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। 23 जून 2025 से कक्षाएं सामान्य दिनों की तरह नियमित रूप से लगेंगी। इससे पहले सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा था कि प्यारे बच्चों आज से स्कूल की घंटी फिर बजने लगी है। नई किताबों की खुशबू, नई कक्षा का उत्साह और नए सपनों के साथ एक नई शुरुआत हो रही है। आज का दिन हम सभी के लिए खास है। मैं आप सभी से यही कहना चाहता हूं कि मन लगाकर पढ़ाई करें, जिज्ञासा के साथ सवाल पूछें, जवाब खोजें और आगे बढ़ें।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आपकी शिक्षा, आपका उज्ज्वल भविष्य हमारी प्राथमिकता है। हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि अब कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन न रहे। हम शिक्षा के लिए बेहतर माहौल बनाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई शिक्षा नीति के संकल्पों के अनुरूप बदलाव कर पूरे प्रदेश का भविष्य संवारने का प्रयास किया है। आप बस मन लगाकर पढ़ाई करें, बाकी चिंता मुझ पर छोड़ दें। खूब पढ़ें, आगे बढ़ें और छत्तीसगढ़ का गौरव बनें। आप सभी बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को नए शैक्षणिक सत्र की हार्दिक शुभकामनाएं।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर 'शाला प्रवेशोत्सव' में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। यह कार्यक्रम राज्य में शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने और स्कूलों में बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि असंभव को संभव बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे। इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि कोई भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे और सभी बच्चों का समय पर प्रवेश सुनिश्चित हो।