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बेमेतरा में फिर दोहराया गया सूखे का खतरा, इस साल भी पूरे प्रदेश में सबसे कम बारिश

बेमेतरा में फिर दोहराया गया सूखे का खतरा, इस साल भी पूरे प्रदेश में सबसे कम बारिश

छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून की सक्रियता बनी हुई है और अधिकांश जिलों में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की जा रही है। प्रदेश में अब तक औसतन 362.1 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जिससे किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी का माहौल है। लेकिन इन सबके बीच बेमेतरा जिला एक बार फिर सबसे कम बारिश वाले जिले के तौर पर चिन्हित हुआ है।

1 जून से 10 जुलाई 2025 तक जिले में महज 174.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि प्रदेश में सबसे कम है। लगातार दूसरे साल यह स्थिति सामने आने से कृषि और जल संसाधन विभाग की चिंता बढ़ गई है।

बेमेतरा में क्यों कम हो रही बारिश?

मौसम विशेषज्ञों और स्थानीय कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि बेमेतरा का भौगोलिक स्वरूप, पवन की दिशा में परिवर्तन, और बादल समूहों की निरंतर विचलन इस वर्ष भी जिले में वर्षा को रोक रहे हैं। बीते वर्ष भी बेमेतरा राज्य में न्यूनतम वर्षा वाले जिलों में शामिल था, और इस बार भी वही स्थिति दोहराई जा रही है।

किसानों की बढ़ी चिंता

कम बारिश की वजह से जिले के किसानों में भारी निराशा देखी जा रही है। जून के अंत तक धान की रोपाई का समय आ चुका है, लेकिन बेमेतरा में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण खेती की शुरुआत भी प्रभावित हो रही है

स्थानीय किसान विकास साहू का कहना है,

“हर साल की तरह इस बार भी उम्मीद थी कि जुलाई में अच्छी बारिश होगी, लेकिन आसमान अब भी साफ रहता है। जमीन में नमी नहीं है, और बीज डालने का समय बीत रहा है।”

सरकारी स्तर पर क्या प्रयास?

कृषि विभाग और राजस्व विभाग ने जिले के हालात पर नजर रखते हुए सूखा संभावित क्षेत्र घोषित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि अगर आगामी दो सप्ताह में वर्षा की स्थिति नहीं सुधरी, तो बेमेतरा को विशेष राहत श्रेणी में लाया जाएगा

साथ ही किसानों को डीजल अनुदान, बीज उपचार, और जल संरक्षण उपायों की सहायता देने की भी योजना तैयार की जा रही है।

मानसून की स्थिति प्रदेश में

  • औसतन छत्तीसगढ़ में अब तक 362.1 मिमी बारिश

  • सबसे अधिक बारिश: कोरबा और जशपुर जिलों में

  • सबसे कम: बेमेतरा (174.9 मिमी)

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