वीडियो कॉल पर उतारे कपड़े, शातिर कपल ने सराफा व्यापारी का अश्लील वीडियो बनाकर वसूले करोड़ों, पुलिस जांच में हुआ चौकाने वाला खुलासा

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पति-पत्नी की एक शातिर जोड़ी ने पहले एक सराफा व्यापारी और उसकी पत्नी की निजी जिंदगी में घुसपैठ की, फिर उनकी अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस ब्लैकमेलिंग से पीड़ित दंपति की मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि व्यवसायी ने आत्महत्या की कोशिश तक की।
कैसे हुआ पूरा मामला उजागर
पीड़ित दंपति ने 13 जून 2025 को वैशाली नगर थाने में इस मामले की शिकायत दी थी। शिकायत में बताया गया कि आरोपी महिला निलिमा यादव उर्फ नीलम लहरे और उसका पति आनंद लहरे ने षड्यंत्र के तहत अश्लील वीडियो तैयार किए और फिर उसे सार्वजनिक करने की धमकी देकर जमीन, बंगला, गाड़ी, गहने और नकदी समेत करीब 2 करोड़ रुपये की वसूली की।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, करोड़ों की संपत्ति बरामद
शिकायत मिलते ही पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए पति-पत्नी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि आरोपियों से कुल ₹1.65 करोड़ की संपत्ति बरामद की गई है, जिसमें शामिल हैं:
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₹16.45 लाख नकद
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₹80.49 लाख के सोने-चांदी के आभूषण
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₹25 लाख की FD
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₹35 लाख का बंगला
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₹8 लाख की कारें
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100 अमेरिकी डॉलर
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फर्जी सिम कार्ड, 3 मोबाइल फोन और आपत्तिजनक सामग्री
कानूनी कार्रवाई और धाराएं
पुलिस ने इस केस में BNS की धाराएं 308(2), 351(2), 61(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी दंपति को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
मानसिक प्रताड़ना से पीड़ित ने की आत्महत्या की कोशिश
पीड़ित व्यवसायी मानसिक रूप से इतना परेशान हो गया था कि उसने खुद को खत्म करने की भी कोशिश की। परिजनों की सतर्कता के कारण वह बच सका, जिसके बाद पूरे मामले की परतें खुलनी शुरू हुईं।
सोशल ट्रस्ट तोड़ने वाला अपराध
यह मामला न सिर्फ आर्थिक अपराध है, बल्कि एक सामाजिक विश्वासघात भी है, जहां विश्वास और दोस्ती की आड़ में निजी जीवन का शोषण किया गया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ पहले से भी कुछ संदिग्ध गतिविधियों की जांच की जा रही है। यह केस एक बार फिर दिखाता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और वीडियो कंटेंट अब अपराधियों का नया हथियार बनते जा रहे हैं। लोग न केवल ठगे जा रहे हैं, बल्कि निजता (privacy) और मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका सीधा असर हो रहा है। ऐसे मामलों में समय पर शिकायत, कानून का सहारा और समाज की जागरूकता ही असली हथियार है।