छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने हटाई पोस्टिंग पर लगी रोक — 3500 स्कूलों को मिलेगा स्थायी नेतृत्व

छत्तीसगढ़ में लंबे समय से अटकी प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर आखिरकार स्थिति स्पष्ट हो गई है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन की प्रमोशन नीति को वैध ठहराते हुए पोस्टिंग पर लगी रोक को हटा दिया है। इसके साथ ही बीएड की अनिवार्यता सहित प्रमोशन नीति के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। इस निर्णय से करीब 3500 स्कूलों में प्राचार्य की नियुक्ति का रास्ता अब साफ हो गया है।
कोर्ट का बड़ा फैसला
करीब 15 दिन पहले जस्टिस रजनी दुबे की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। अब कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार की पदोन्नति नीति नियम संगत और वैध है, और इसमें हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।
इस फैसले के बाद प्राचार्य पदोन्नति आदेश जारी होने के बावजूद रुकी हुई पोस्टिंग प्रक्रिया को भी हरी झंडी मिल गई है। सरकार अब उन शिक्षकों को संबंधित स्कूलों में पदस्थापित कर सकेगी जिन्हें प्राचार्य पद के लिए प्रोन्नत किया गया है।
क्या था मामला?
प्राचार्य पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्वारा जारी की गई नीति में बीएड अनिवार्यता को लेकर कुछ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। इन याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह शर्त उनके साथ अन्यायपूर्ण है और उन्हें पदोन्नति से वंचित कर रही है।
इन्हीं याचिकाओं के चलते कोर्ट ने पदोन्नति के बाद पोस्टिंग पर अंतरिम रोक लगा दी थी। लेकिन अब कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि बीएड जैसी शैक्षणिक योग्यता को प्रमोशन के लिए आवश्यक बनाना सरकार का नीतिगत निर्णय है और उसमें कोई अवैधानिकता नहीं है।
3500 स्कूलों को मिलेगा स्थायी नेतृत्व
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य के करीब 3500 स्कूलों में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति संभव हो सकेगी। अभी तक कई स्कूलों में प्रभारिक प्राचार्य या वरिष्ठ शिक्षकों के भरोसे शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य संचालित किए जा रहे थे, जिससे गुणवत्ता पर असर पड़ रहा था।
स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति से स्कूलों में शैक्षणिक अनुशासन, प्रशासनिक नियंत्रण और योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। इससे स्कूली शिक्षा के स्तर में भी सुधार की उम्मीद है।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग में उत्साह का माहौल है। विभागीय अधिकारियों ने संकेत दिया है कि जल्द ही रुकी हुई पोस्टिंग प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही सभी जिलों को निर्देश जारी किए जाएंगे कि वे अपने-अपने क्षेत्र के प्रोन्नत शिक्षकों को स्कूलों में कार्यभार ग्रहण कराएं।