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छत्तीसगढ़ में डीएपी खाद की किल्लत से निपटने के लिए सरकार ने निकाला वैकल्पिक मार्ग, एनपीके और एसएसपी की आपूर्ति बढ़ाई

छत्तीसगढ़ में डीएपी खाद की किल्लत से निपटने के लिए सरकार ने निकाला वैकल्पिक मार्ग, एनपीके और एसएसपी की आपूर्ति बढ़ाई

देश में डीएपी (डायमोनियम फास्फेट) खाद के आयात में कमी के चलते छत्तीसगढ़ में डीएपी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे किसानों में चिंताएं बढ़ने लगी थीं। लेकिन अब छत्तीसगढ़ सरकार ने इसका वैकल्पिक मार्ग खोज लिया है और किसानों को डीएपी खाद की किल्लत के कारण किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करने दिया जाएगा।

सरकार ने एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश) और एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) खादों की आपूर्ति बढ़ाने का निर्णय लिया है। एनपीके और एसएसपी खाद के विकल्प के रूप में भरपूर मात्रा में इनकी उपलब्धता को सोसायटी के माध्यम से किसानों तक सुनिश्चित किया जाएगा।

डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने एनपीके (20:20:013) और एनपीके (12:32:13) के वितरण लक्ष्य में 3.10 लाख मेट्रिक टन की वृद्धि की है। साथ ही, एसएसपी के वितरण लक्ष्य में भी 1.80 लाख मेट्रिक टन की वृद्धि की गई है। इस कदम से राज्य में रासायनिक उर्वरकों का कुल वितरण लक्ष्य अब 14.62 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रवि रंजन के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि खरीफ सीजन में किसी भी किसान को उर्वरकों की कमी न हो। सरकार ने खादों की भंडारण और वितरण की पुख्ता व्यवस्था भी की है, ताकि किसानों को समय पर पर्याप्त उर्वरक मिल सके।

इस पहल से न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि कृषकों के आत्मविश्वास को भी मजबूती मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसानों की किसी भी समस्या का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा और उन्हें कृषि विकास के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

एनपीके और एसएसपी खाद के बढ़ाए गए वितरण लक्ष्य से किसानों को दी जाने वाली उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे वे अपनी फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ा सकेंगे और सरकार के साथ मिलकर कृषि क्षेत्र में और बेहतर परिणाम हासिल कर पाएंगे।

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