एएसपी आकाशराव गिरीपून्जे शहीद, पुलिस महानिरीक्षक ने नक्सलियों की कायरता की निंदा की

सुकमा जिले के कोन्टा-एर्राबोरा मार्ग पर सोमवार को हुए नक्सली हमले में कोंटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आकाशराव गिरीपून्जे शहीद हो गए। यह हमला आईईडी ब्लास्ट के रूप में हुआ, जिसमें एएसपी गिरीपून्जे की वीरगति हो गई, जबकि कोंटा एसडीओपी और कोंटा थाना प्रभारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों का इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
एएसपी आकाशराव गिरीपून्जे की शहादत समूचे पुलिस बल के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी वीरता और समर्पण ने न केवल छत्तीसगढ़ पुलिस बल को गर्वित किया, बल्कि उनकी शहादत ने प्रदेश में शोक की लहर भी फैला दी है। राज्य के कई प्रमुख नेताओं और पुलिस अधिकारियों ने गिरीपून्जे को श्रद्धांजलि अर्पित की है, और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
नक्सलियों की कायराना हरकत पर पुलिस आईजी का बयान
इस घटना के बाद, बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने नक्सलियों की कायराना हरकत की निंदा करते हुए कहा, "नक्सल संगठन पूरी तरह से कमजोर हो चुका है और उसमें अब सीधे सुरक्षा बलों से टकराने की हिम्मत नहीं बची है। इसी कारण वो हमारे जांबाज जवानों, वीर योद्धाओं और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर आईईडी विस्फोट, ग्रामीणों की हत्या और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसे कायरतापूर्ण षड्यंत्र रच रहे हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले के जरिए नक्सल संगठन ने अपनी कमजोर स्थिति को छिपाने के लिए ऐसा कदम उठाया है। पुलिस विभाग और सुरक्षा बलों का मनोबल मजबूत है और हम नक्सलियों के खिलाफ जारी संघर्ष को और तेज करेंगे। आईजी सुंदरराज ने यह भी बताया कि राज्य सरकार और सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को और सक्रिय करेंगे ताकि इस प्रकार के हमले रोके जा सकें।
प्रदेश में शोक की लहर, बीजेपी ने रद्द किए कार्यक्रम
एएसपी आकाशराव गिरीपून्जे की शहादत ने पूरे प्रदेश में गहरी शोक की लहर दौड़ा दी है। बीजेपी ने इस घटना के बाद अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरीपून्जे के निवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुंच रहे हैं। लोग नम आंखों से शहीद एएसपी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके साहस और समर्पण को सलाम कर रहे हैं।
नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता
इस हमले ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर किया है। राज्य और केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा बलों को और मजबूत किया जाएगा, ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। नक्सलवाद के खिलाफ इस संघर्ष में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा, और प्रदेश सरकार इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन देती है।
कड़ी सुरक्षा और बढ़ी हुई गश्त
नक्सली हमले के बाद, राज्य सरकार ने सुकमा और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा को और कड़ा कर दिया है। सुरक्षा बलों की गश्त बढ़ा दी गई है और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य से नक्सलवाद का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता।