Samachar Nama
×

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगेंगे 400 नए बीएसएनएल टावर, केंद्र सरकार ने शुरू की योजना

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगेंगे 400 नए बीएसएनएल टावर, केंद्र सरकार ने शुरू की योजना

केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में संचार व्यवस्था को सशक्त और सुगम बनाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। ग्रामीण विकास एवं दूरसंचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने मंगलवार को राजधानी रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि राज्य में 400 नए बीएसएनएल मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। इस योजना पर केंद्र सरकार ने कार्य प्रारंभ कर दिया है।

डॉ. चंद्र शेखर ने बताया कि यह कदम खासतौर पर बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर जैसे दुर्गम और नक्सल प्रभावित इलाकों को डिजिटल संचार से जोड़ने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। इन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के चलते आम जनता, प्रशासनिक अमला और सुरक्षा बलों को कई बार गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

राज्यमंत्री ने कहा, “हमारा प्रयास है कि छत्तीसगढ़ के हर नागरिक को डिजिटल इंडिया के विज़न से जोड़ा जाए। टेली-कम्युनिकेशन आज केवल सुविधा नहीं, बल्कि विकास की रीढ़ बन चुका है। हम उन इलाकों में भी मजबूत संचार नेटवर्क पहुंचाएंगे, जहां आज भी लोग मोबाइल सिग्नल के लिए पहाड़ों पर चढ़ते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि यह योजना केंद्र की ‘4जी सैचुरेशन परियोजना’ का हिस्सा है, जिसके तहत देश के उन गांवों और इलाकों को डिजिटल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जो अब तक मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित हैं।

प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को मिलेगा बल

डॉ. चंद्र शेखर ने यह भी स्पष्ट किया कि इन टावरों के लगने से न केवल आम जनता को सुविधा होगी, बल्कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों को भी संचार में मजबूती मिलेगी, जिससे नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी लाई जा सकेगी। साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य और बैंकिंग जैसी आवश्यक सेवाएं भी इन क्षेत्रों में डिजिटल रूप से बेहतर ढंग से पहुंच सकेंगी।

जल्द ही दिखेगा असर

उन्होंने कहा कि इस योजना को तेज गति से लागू किया जा रहा है। बीएसएनएल की टीमों को सर्वे और स्थल चिन्हांकन का कार्य सौंपा गया है। जैसे ही टावर लगने शुरू होंगे, लोगों को इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगेंगे।

यह निर्णय छत्तीसगढ़ में डिजिटल इनफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे आने वाले समय में राज्य के पिछड़े और नक्सल प्रभावित इलाके भी मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।

Share this story

Tags