छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में 'सुशासन तिहार' का तीसरा चरण शुरू, सीएम बोले- कई समस्याओं का हुआ समाधान
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के प्रत्येक कोने तक जनसमस्याओं का समाधान पहुँचाने के उद्देश्य से शुरू किया गया ‘सुशासन तिहार’ अभियान अब अपने तीसरे चरण में पहुँच चुका है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खुद विभिन्न जिलों में जाकर समाधान शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं और जनता की समस्याएं सुनकर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं।
अभियान की शुरुआत 8 अप्रैल को हुई थी। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि पहले चरण में 8 से 11 अप्रैल के बीच समस्याओं के आवेदन लिए गए, जिनके लिए गांव-गांव में पेटियां रखवाई गईं। दूसरे चरण में इन आवेदनों पर कार्रवाई शुरू हुई और अब तीसरे चरण में समाधान शिविरों का आयोजन हो रहा है, जहां प्रशासनिक अमला मौके पर ही समस्याओं का समाधान कर रहा है। अब तक 40 लाख से अधिक शिकायतें प्रदेश भर से प्राप्त हो चुकी हैं। इनमें आवास, पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य सेवाएं, और शिक्षा से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं प्रमुख मुद्दे हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा, "हमारी सरकार सिर्फ कागजों पर नहीं, ज़मीन पर काम कर रही है। हम खुद जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं और उन्हें वहीं समाधान दे रहे हैं।"
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस अभियान के तहत हर 8 से 10 पंचायतों के बीच एक समाधान शिविर लगाया जा रहा है, जिसमें अधिकारी, मंत्री, विधायक और सांसद भी भाग ले रहे हैं। शिविरों के बाद प्रत्येक जिले में शाम को समीक्षा बैठक की जा रही है, जिसमें उस दिन की प्रगति रिपोर्ट तैयार कर उसे सार्वजनिक किया जा रहा है।
सरकार का दावा है कि अब तक लाखों समस्याओं का समाधान कर लिया गया है और शेष पर तेजी से काम चल रहा है। अभियान का एक अन्य उद्देश्य प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता को मजबूत करना भी है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि शिविरों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों का भी निरीक्षण किया जा रहा है ताकि उनमें सुधार किया जा सके और जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। साय ने जनता से अपील करते हुए कहा, "हम चाहते हैं कि जनता सरकार को अपने पास पाए। सुशासन तिहार सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह जनता और सरकार के बीच एक मजबूत सेतु है। मैं प्रदेशवासियों से अनुरोध करता हूं कि वे इन शिविरों में बढ़-चढ़कर भाग लें और अपनी समस्याएं सामने रखें।"
'सुशासन तिहार' अभियान को लेकर प्रदेश भर में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है और यह छत्तीसगढ़ में जन-जवाबदेही आधारित प्रशासन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

