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निशिकांत दुबे कांग्रेस को दोषी ठहरा रहे, लेकिन 1991 का समझौता चंद्रशेखर सरकार के दौर में हुआ: तारिक अनवर

नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। 1991 भारत-पाक समझौते को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सोशल मीडिया पोस्ट पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस को क्यों दोषी ठहरा रहे हैं। जिस समझौते का जिक्र भाजपा सांसद कर रहे हैं, वह कांग्रेस के समय में नहीं हुआ था। तब पूर्व पीएम चंद्रशेखर की सरकार थी।
निशिकांत दुबे कांग्रेस को दोषी ठहरा रहे, लेकिन 1991 का समझौता चंद्रशेखर सरकार के दौर में हुआ: तारिक अनवर

नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। 1991 भारत-पाक समझौते को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सोशल मीडिया पोस्ट पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस को क्यों दोषी ठहरा रहे हैं। जिस समझौते का जिक्र भाजपा सांसद कर रहे हैं, वह कांग्रेस के समय में नहीं हुआ था। तब पूर्व पीएम चंद्रशेखर की सरकार थी।

कांग्रेस सांसद ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से एक विरोधाभास पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि 1991 में जब चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री थे और यह समझौता हुआ था, तब कांग्रेस पार्टी ने उनकी सरकार से अपना समर्थन पहले ही वापस ले लिया था, इसलिए यह निर्णय या समझौता चंद्रशेखर की सरकार और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इसके लिए कांग्रेस पार्टी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?

सियासी हंगामा राहुल गांधी के उस पोस्ट के बाद शुरू हुआ जो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखा था। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत ने सोशल मीडिया पोस्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नसीहत देते हुए एक एग्रीमेंट चस्पा किया। पोस्ट में लिखा, "राहुल गांधी, यह आपकी बनाई हुई सरकार के समय का समझौता है। 1991 में आपकी पार्टी समर्थित सरकार ने यह समझौता किया कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान-प्रदान भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से करेगा। क्या यह समझौता देशद्रोह है? कांग्रेस का हाथ पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ, विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी आपको शोभा देती है।"

वहीं, कांग्रेस सांसद तारिक अनवर से जब जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों से पुलिस की पूछताछ पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि ठीक है, अगर किसी के खिलाफ आरोप हैं और उनके समर्थन में सबूत हैं, तो कार्रवाई होनी चाहिए। जिस किसी व्यक्ति पर पाकिस्तान के साथ संबंध होने या जासूसी में शामिल होने का संदेह है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हमारे देश में ऐसे मामलों के लिए कानून हैं और मेरा मानना है कि निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए।

--आईएएनएस

डीकेएम/केआर

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