पुनौराधाम के समग्र विकास की योजना पर काम शुरू, मां जानकी की जन्मस्थली को मिलेगा तीर्थ क्षेत्र का भव्य स्वरूप

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तर्ज पर अब मां जानकी की जन्मभूमि पुनौराधाम को भी भव्य और धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC) ने मां जानकी जन्मस्थली तीर्थ क्षेत्र के निर्माण के लिए निविदा दस्तावेज (टेंडर) जारी कर दिए हैं, जिससे इस परियोजना की प्रक्रिया अब औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसियों को आमंत्रण
पर्यटन विकास निगम ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की निर्माण एजेंसियों को निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। इससे यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार इस परियोजना को विश्वस्तरीय धार्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने का संकल्प ले चुकी है।
तीर्थ क्षेत्र का स्वरूप क्या होगा?
परियोजना के तहत पुनौराधाम को एक भव्य तीर्थ स्थल में बदलने की योजना है। इसमें निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर काम किया जाएगा:
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भव्य जानकी मंदिर परिसर का निर्माण और विस्तार
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दर्शन, पूजा एवं प्रवास के लिए सुविधा संपन्न यात्री निवास (धर्मशाला)
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सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु खुला मंच एवं सभागार
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तीर्थ यात्रियों के लिए साफ-सुथरे रास्ते, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल व शौचालय सुविधाएं
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धार्मिक और पौराणिक कथाओं पर आधारित संग्रहालय या डिजिटल गैलरी
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पर्यावरण के अनुकूल हरित क्षेत्र और सुंदर उद्यान
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
पुनौराधाम को माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है, जो हिंदू आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह स्थल रामायण काल से जुड़ा हुआ है और अयोध्या की तरह इसकी भी धार्मिक मान्यता है। अब तक यह स्थल अपेक्षाकृत कम प्रचारित रहा, लेकिन सरकार की यह पहल इसे राष्ट्रीय तीर्थ के रूप में पहचान दिलाने की दिशा में अहम साबित होगी।
मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री का विजन
बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने पहले ही यह संकेत दिया था कि राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीतामढ़ी को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कई बार पुनौराधाम के महत्व को रेखांकित कर चुके हैं और इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दे चुके हैं।