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जदयू के 'बीस साल के बेमिसाल' कार्यक्रम में महिलाओं ने की नारेबाजी, पार्टी और सरकार के खिलाफ उठे सवाल

जदयू के 'बीस साल के बेमिसाल' कार्यक्रम में महिलाओं ने की नारेबाजी, पार्टी और सरकार के खिलाफ उठे सवाल

बिहार के पूर्णिया जिले के जुबली हॉल में आयोजित जदयू का "बीस साल के बेमिसाल अपनी सरकार" जनसंवाद कार्यक्रम अचानक उस वक्त विवादित हो गया, जब महिलाओं ने पार्टी और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एमएलसी व जदयू प्रवक्ता संजय सिंह, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, और मंत्री संजय सरावगी सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे।

महिलाओं ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

कार्यक्रम के दौरान जब मंच पर जदयू के शीर्ष नेता बोल रहे थे, तो कुछ महिलाओं ने अचानक सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। "बेरोजगारी हटाओ", "महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करो", "हमें रोजगार दो" जैसे नारे लगाए गए। महिलाओं का आरोप था कि राज्य सरकार और जदयू पार्टी ने महिलाओं के लिए पर्याप्त योजनाएं लागू नहीं की हैं और समाज में हो रहे भेदभाव और बेरोजगारी की समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है।

नेताओं की प्रतिक्रिया

कार्यक्रम में उपस्थित एमएलसी संजय सिंह और समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने महिलाओं की नारेबाजी को शांत करने की कोशिश की। संजय सिंह ने कहा, "हमारी सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन अगर कोई शिकायत है तो हम उसे सुने और दूर करेंगे।" वहीं मदन सहनी ने राज्य सरकार की योजनाओं का बचाव करते हुए कहा, "हमारे कार्यकाल में महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन यदि कुछ और सुझाव हैं तो हम उन पर भी गौर करेंगे।"

हालांकि, महिलाओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने लगातार अपनी आवाज उठाए रखी। कुछ महिलाएं आरोप लगा रही थीं कि सरकार की योजनाओं का लाभ असल में उन तक नहीं पहुंच पाता और स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार और कागजी घेराबंदी के कारण समस्याएं बढ़ रही हैं।

कार्यक्रम में गहमागहमी का माहौल

इस नारेबाजी के बाद कार्यक्रम में गहमागहमी का माहौल बन गया। पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों ने स्थिति को काबू में किया, लेकिन महिलाओं की आक्रोशित आवाज़ ने कार्यक्रम के उद्देश्य और राजनीतिक माहौल को प्रभावित किया।

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