क्या गुल खिलाएंगे तेज प्रताप, ताबड़तोड़ कर रहे बैठक, अखिलेश से बात कर बोले- लड़ाई में अकेला नहीं, वीडियो भी डाला

पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव क्या करेंगे? बिहार विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव की क्या भूमिका होगी? कथित गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव से रिश्ते का खुलासा होने के बाद तेज प्रताप यादव के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप बिल्कुल अकेले नजर आ रहे हैं। लेकिन इन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी वह हिम्मत से भरे हुए हैं। बुधवार को तेज प्रताप यादव ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से फोन पर बात की।
पटना में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की
तेज प्रताप यादव ने खुद इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिखकर बताया कि उनकी अखिलेश यादव से बात हुई है। बाद में उनका वीडियो भी सामने आया। अखिलेश यादव से बातचीत के अलावा तेज प्रताप यादव पटना में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी कर रहे हैं। बुधवार को भी उन्होंने कई बैठकें कीं।
पटना में तेज प्रताप यादव की बैठक।
पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद भी तेज प्रताप की बढ़ती सक्रियता बताती है कि वह शांत नहीं बैठेंगे। अब देखना यह है कि बिहार चुनाव में तेज प्रताप क्या कर पाते हैं? अखिलेश यादव से बातचीत का वीडियो आया सामने
बुधवार को तेज प्रताप यादव ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर लंबी बातचीत की। इस दौरान बिहार के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई। तेज प्रताप ने ट्वीट कर कहा कि अखिलेश जी हमेशा मेरे दिल के बहुत करीब रहे हैं और आज जब अचानक उनका हालचाल पूछने के लिए फोन आया तो लगा कि इस लड़ाई में मैं अकेला नहीं हूं..
इंस्टाग्राम पर पटना में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की फोटो पोस्ट करते हुए तेज प्रताप यादव ने लिखा- बैठकों का सिलसिला चल रहा है, जनता का प्यार साथ हो तो हर परिस्थिति और मुश्किल का पूरी हिम्मत से सामना करने की एक अलग ताकत मिलती है।
'मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी न समझें'
इससे पहले 19 जून को तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था- मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी समझने वालों, ये मत सोचना कि मुझे तुम्हारी साजिशों के बारे में पता नहीं है। तुमने शुरू किया, मैं खत्म करूंगा। झूठ और फरेब से बने इस चक्रव्यूह को मैं तोड़ने जा रहा हूं। तैयार रहो, सच सामने आने वाला है। मेरी भूमिका मेरी प्रिय जनता और माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय की जाएगी, किसी पार्टी या परिवार द्वारा नहीं।