बिहार में चुनाव क्यों हार गए? तेजस्वी यादव ने नतीजों के बाद पहली बार बताई वजह
बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने अपना पहला पब्लिक बयान दिया है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के YouTube चैनल पर दिए इंटरव्यू में उन्होंने हार के कारण बताए। जब उनसे पूछा गया कि पार्टी की सीटें 2020 के मुकाबले कम क्यों रहीं, तो उन्होंने कहा कि ये नतीजे कोई भी पचा नहीं पा रहा है। उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार को 20 साल तक उनकी याद नहीं आई, लेकिन चुनाव से दस दिन पहले उन्हें पेंशन बढ़ोतरी की याद आई। उन्होंने मतदान के दिन महिलाओं के अकाउंट में ₹10,000 भी जमा किए, जिसका असर भी चुनाव पर पड़ा।
उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में लोकतंत्र हारा, और मशीनरी जीती। उन्होंने कहा कि BJP ने वह सब हासिल किया है जिसकी उससे उम्मीद की जा सकती थी। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर भी कई सवाल उठाए।
तेजस्वी ने क्या-क्या वजह बताई
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चुनाव फिक्स था — बूथ व मशीनरी का दुरुपयोग
तेजस्वी के मुताबिक, पचास नहीं — बल्कि पक्षपातपूर्ण “मशीनरी” ने चुनाव जीता। ईवीएम, बूथ प्रबंधन और मतगणना प्रक्रिया पर उन्होंने सवाल खड़े किए।
उन्होंने दावा किया कि मत प्रतिशत में असामान्य वृद्धि देखी गई — मतलब मशीनों या डेटा में मन-मोहन हो सकता है। -
ओवरनाइट व लुभावने वितरण अभियान
यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव से ठीक पहले — केवल 10 दिनों पहले — पेंशन, नकद राशि एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से कई योजनाएँ लागू की गईं। महिलाओं के बैंक खाते में 10-10 हजार रुपए डाले गए। उनका कहना है कि इन उपायों को महागठबंधन का नहीं, सरकार की योजनाओं का लाभ दिखाया गया, जिससे वोट बदल गए। -
महागठबंधन में सीट-बाँट और गठबंधन की रणनीति में असमंजस
वे कहते हैं कि कांग्रेस, वाम दल और अन्य गठबंधन सहयोगियों के साथ तालमेल नहीं रहा — सीट बँटोरने में देरी और उम्मीदवारों के नाम अंतिम समय तक तय न होना मतदाताओं को भ्रमित कर गया।
इस कारण, भाजपा-निर्धारित गठबंधन (एनडीए) ने स्पष्ट और समयबद्ध रवैया अपनाया, जिसने साझा समर्थन जुटाया। -
भावनात्मक जुड़ाव कम, लोगों ने बदलाव की बजाय “पक्का” विकल्प चुना
बावजूद इसके कि RJD का वोट शेयर बढ़ा — राज्य में युवाओं और पिछड़ों में बदलाव की मांग थी — लेकिन मतदाताओं ने “यकीन” का बजाय “पक्का” विकल्प चुना। ईवीएम व मतगणना में अपारदर्शिता, लोकतंत्र पर सवाल
तेजस्वी ने कहा कि जब पोस्टल बैलेट में महागठबंधन आगे था, तो अचानक EVM मतगणना ने परिणाम पलट दिया। उन्होंने यह दावा जताया कि “अदृश्य शक्तियाँ” काम कर रही थीं।

