बिहार के भागलपुर जिले से एक अनोखी और दिलचस्प शादी की कहानी सामने आई है, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। आमतौर पर दूल्हे की सवारी लग्जरी कार, घोड़े या बग्घी पर निकलती है, लेकिन यहां एक दूल्हा नाव पर बारात लेकर निकला, जो चर्चा का विषय बन गया है।
यह अनोखा दृश्य भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड के बाकरपुर गांव का है। गांव के रहने वाले देवमुनी कुमार की बारात दो सप्ताह पहले ही तय हो चुकी थी, लेकिन अचानक गंगा नदी में आई भीषण बाढ़ के कारण पूरे इलाके में जलभराव हो गया। बाढ़ का पानी इतना फैल गया कि पूरी बाकरपुर पंचायत प्रभावित हो गई और सड़कों पर नाव चलने लगी।
हालात चाहे जैसे भी हों, शादी तो तय थी और देवमुनी कुमार ने पीछे हटने की बजाय परिस्थिति को स्वीकार कर लिया। सजधज कर दूल्हा बने देवमुनी कुमार जब नाव पर सवार हुए, तो गांव वालों की भीड़ उन्हें देखने उमड़ पड़ी। परंपरागत वेशभूषा में दूल्हा और नाव पर बैठे बाराती इस पूरे माहौल को किसी उत्सव से कम नहीं बना रहे थे। नाव पर करीब 35 किलोमीटर की दूरी तय कर बारात को गंतव्य तक पहुंचाया गया।
गांववालों ने बताया कि यह दृश्य भले ही नया था, लेकिन खुशियों में कोई कमी नहीं थी। ढोल-नगाड़ों के साथ नाव पर निकली बारात ने यह दिखा दिया कि परिस्थितियां चाहें जैसी भी हों, जज्बा और इच्छाशक्ति हो तो हर काम पूरा हो सकता है।
देवमुनी कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपनी शादी में कार की जगह नाव की सवारी करनी पड़ेगी, लेकिन यह अनुभव भी यादगार बन गया है।" उन्होंने प्रशासन से अपील की कि गांव की बाढ़ समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि भविष्य में अन्य लोगों को इस तरह की परेशानी न झेलनी पड़े।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से यह भी मांग की कि बाढ़ से बचाव के लिए तटबंधों की मरम्मत और जलनिकासी की उचित व्यवस्था की जाए।
इस अनोखी बारात ने यह साबित कर दिया कि शादी सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि उत्सव है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी मनाया जा सकता है। दूल्हे की यह नाव वाली बारात न सिर्फ इलाके में चर्चा का विषय बनी, बल्कि सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है, जहां लोग इसे 'बाढ़ में प्यार की नाव' कहकर सराह रहे हैं।

