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भागलपुर में गंगा-कोसी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव, नवगछिया में बाढ़ का बढ़ता खतरा

भागलपुर में गंगा और कोसी नदियों के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव के बीच बाढ़ का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर करीब 15 सेंटीमीटर और कहलगांव में 10 सेंटीमीटर तक घटने का अनुमान है। हालांकि जलस्तर में यह गिरावट होने के बावजूद नवगछिया क्षेत्र की स्थिति बिगड़ती जा रही है।  नवगछिया के रंगरा प्रखंड के साधोपुर में जमींदारी बांध टूट जाने से कोसी नदी का पानी तेज़ी से निचले इलाकों में फैल गया है। इस कारण आसपास के गांवों में अफरा-तफरी मच गई है और लोगों के बीच भय का माहौल है। साधोपुर, बनिया और भवानीपुर की बस्तियां पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब चुकी हैं।  स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया है, लेकिन पानी की बढ़ती स्थिति से निपटना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का कार्य जारी है।  इस बीच, अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे नदी किनारे जोखिम वाले इलाकों में न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य, पेयजल और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए राहत शिविर भी स्थापित किए जा रहे हैं।  जलस्तर में उतार-चढ़ाव के कारण भविष्य में भी बाढ़ की स्थिति बनी रह सकती है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने और बचाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

भागलपुर में गंगा और कोसी नदियों के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव के बीच बाढ़ का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर करीब 15 सेंटीमीटर और कहलगांव में 10 सेंटीमीटर तक घटने का अनुमान है। हालांकि जलस्तर में यह गिरावट होने के बावजूद नवगछिया क्षेत्र की स्थिति बिगड़ती जा रही है।

नवगछिया के रंगरा प्रखंड के साधोपुर में जमींदारी बांध टूट जाने से कोसी नदी का पानी तेज़ी से निचले इलाकों में फैल गया है। इस कारण आसपास के गांवों में अफरा-तफरी मच गई है और लोगों के बीच भय का माहौल है। साधोपुर, बनिया और भवानीपुर की बस्तियां पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब चुकी हैं।

स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया है, लेकिन पानी की बढ़ती स्थिति से निपटना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का कार्य जारी है।

इस बीच, अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे नदी किनारे जोखिम वाले इलाकों में न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य, पेयजल और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए राहत शिविर भी स्थापित किए जा रहे हैं।

जलस्तर में उतार-चढ़ाव के कारण भविष्य में भी बाढ़ की स्थिति बनी रह सकती है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने और बचाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

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