बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट संशोधन अभियान तेज, 83.66% काम पूरा
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (रिवीजन) अभियान ने गति पकड़ ली है। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में अब तक 83.66 प्रतिशत वोटर लिस्ट रिवीजन का काम पूरा हो चुका है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 25 जुलाई तक मतदाता गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि तय की गई है।
अब तक 6.6 करोड़ फॉर्म जमा
चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में अब तक 6.6 करोड़ मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म भरकर जमा कर दिए हैं। कुल अनुमानित मतदाताओं में से अब सिर्फ 11.82 प्रतिशत मतदाताओं के फॉर्म भरने बाकी हैं, जिनसे यह उम्मीद की जा रही है कि निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।
रिवीजन में सामने आई कई अहम बातें
मतदाता सूची के रिवीजन के दौरान आयोग ने यह भी पाया कि:
-
1.59% मतदाता मृत पाए गए हैं।
-
2.2% मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं।
-
0.73% मतदाता एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं।
इन आंकड़ों से साफ है कि सूची में सुधार और सफाई की जरूरत थी, जिसे आयोग प्राथमिकता दे रहा है।
आयोग का लक्ष्य – पारदर्शी और त्रुटिरहित चुनाव
चुनाव आयोग ने कहा है कि यह विशेष पुनरीक्षण अभियान राज्य में स्वच्छ, पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत मतदाता सूची में मृत, स्थानांतरित या दोहराए गए मतदाताओं को हटाने का काम जारी है। आयोग सभी मतदाताओं से अनुरोध कर रहा है कि वे अंतिम तिथि से पहले अपने विवरण की जांच करें और आवश्यक सुधार कराएं।
राजनीतिक सरगर्मियां तेज
इस बीच, बिहार की राजनीति में इस मुद्दे पर बहस भी तेज हो गई है। विपक्षी दल जहां मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं, वहीं सत्तारूढ़ दल आयोग की कार्रवाई को चुनावी प्रक्रिया की मजबूती बता रहा है। कुछ नेताओं ने यह आरोप भी लगाया है कि सूची से नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं, हालांकि चुनाव आयोग ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

