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सद्भावना एक्सप्रेस में जिंदगी की जंग हारा विजय? जानिए बलिया से छपरा के बीच आखिर ऐसा क्या हुआ?

भीषण गर्मी और ट्रेनों की सामान्य बोगियों में भीड़भाड़ के कारण यात्रियों की जान सांसत में आ गई है। बुधवार को दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से रक्सौल लौट रही ट्रेन संख्या 14008 सद्भावना एक्सप्रेस में भी ऐसी ही दुखद घटना घटी। रोजगार नहीं मिलने से हताश....
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भीषण गर्मी और ट्रेनों की सामान्य बोगियों में भीड़भाड़ के कारण यात्रियों की जान सांसत में आ गई है। बुधवार को दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से रक्सौल लौट रही ट्रेन संख्या 14008 सद्भावना एक्सप्रेस में भी ऐसी ही दुखद घटना घटी। रोजगार नहीं मिलने से हताश होकर दिल्ली से छपरा लौट रहा एक मजदूर भीषण गर्मी में भीड़ में फंस गया और चलती ट्रेन में उसकी मौत हो गई।

बुधवार को छपरा जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या तीन पर ट्रेन रुकने के बाद आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने बोगी से शव को नीचे उतारा। उसके पास मिले मोबाइल से परिजनों को सूचना दी गई और उसकी पहचान सारण जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर वार्ड संख्या 06 निवासी 42 वर्षीय विजय कुमार के रूप में हुई। राजकीय रेल थाना छपरा के प्रभारी पुअनि शाहिद अनवर अंसारी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा। मृतक के भाई राहुल मांझी ने बताया कि रास्ते में सबसे पहले बलिया के बड़े भाई से मोबाइल पर बात हुई थी।

उन्होंने बताया था कि ट्रेन के जनरल बोगी में भारी भीड़ में फंस गए हैं और भीषण गर्मी के कारण उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद बुधवार की दोपहर करीब तीन बजे जीआरपी ने उनकी मौत की सूचना दी। भाई ने आशंका जताई कि बलिया और छपरा के बीच उनकी मौत हुई होगी। मौत की खबर मिलते ही मृतक विजय कुमार की पत्नी पुष्पा देवी अपने देवर राहुल और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ जीआरपी छपरा पहुंची। कागजी कार्रवाई के बाद पति का शव मिला। मृतक के भाई ने बताया कि बड़े भाई एक सप्ताह पहले रोजगार की तलाश में दिल्ली गए थे। वहां फैक्ट्री में काम नहीं मिलने से निराश होकर सद्भावना एक्सप्रेस ट्रेन से घर लौट रहे थे।

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