वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर हंगामा, RJD विधायक भाई वीरेंद्र के बयान से भड़के स्पीकर
बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में विपक्ष का हंगामा लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। इस बार विवाद की जड़ बनी वोटर लिस्ट पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया, जिस पर राजद (RJD) सहित विपक्षी दलों ने तीखी आपत्ति जताई।
विधानसभा में जैसे ही इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई, विपक्ष के विधायक सीट छोड़कर वेल में आ गए और जोरदार नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान माहौल उस वक्त और गरमा गया, जब आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा –
“ये सदन किसी के बाप की नहीं है।”
इस विवादित टिप्पणी पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव भड़क गए। उन्होंने भाई वीरेंद्र को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि
“इस तरह की भाषा सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाती है। किसी को भी इस तरह बोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”
स्पीकर के कड़े तेवरों के बावजूद विपक्ष अपनी बात पर अड़ा रहा और सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित हो गई। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को शांत कराने की कई बार कोशिश की, लेकिन विपक्ष वोटर लिस्ट पुनरीक्षण की पारदर्शिता पर चर्चा की मांग करता रहा।
क्या है मामला?
राज्य में इन दिनों स्पेशल इलेक्टोरल रिवीजन (एसआईआर) यानी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के तहत जानबूझकर कुछ वर्गों के वोटरों को सूची से हटाया जा रहा है। वे चाहते हैं कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो तथा इस पर सदन में विस्तृत चर्चा की जाए।
तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार भी आमने-सामने
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच भी इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस हो चुकी है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बिना उचित प्रक्रिया के कार्रवाई कर रहा है, वहीं नीतीश कुमार ने विपक्ष पर राजनीतिक स्टंट करने का आरोप लगाया।
राजनीतिक गरमाहट बढ़ी
तीसरे दिन की कार्यवाही ने यह साफ कर दिया कि एसआईआर का मुद्दा बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में केंद्र बिंदु बनने जा रहा है। विपक्ष इसे आम जनता के अधिकारों से जोड़कर देख रहा है, जबकि सरकार इसे चुनाव आयोग की संवैधानिक प्रक्रिया बता रही है।
अब देखना होगा कि गुरुवार को सत्र के चौथे दिन क्या विपक्ष और सरकार के बीच कोई सहमति बनती है, या फिर हंगामे का दौर जारी रहेगा।

