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मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर घमासान, NDA में भी उठी आवाजें, BJP की आई प्रतिक्रिया

 मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर घमासान, NDA में भी उठी आवाजें, BJP की आई प्रतिक्रिया

बिहार में 2025 के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में चल रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। अब इस मुद्दे पर केवल विपक्ष ही नहीं, बल्कि एनडीए के भीतर से भी सवाल उठने लगे हैं, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के विधायक संजीव सिंह और सांसद गिरिधारी यादव ने इस अभियान को लेकर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि कई क्षेत्रों में मतदाता सूची से नाम गायब किए जा रहे हैं और संशोधन कार्य पारदर्शी नहीं है। वहीं, एनडीए की ही सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता भी अब इस अभियान पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

इन बयानों से एनडीए के भीतर मतभेद के संकेत मिलने लगे हैं। ऐसे में अब इस पूरे विवाद पर बीजेपी की प्रतिक्रिया सामने आई है। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि—

"SIR अभियान पूरी तरह से चुनाव आयोग द्वारा संचालित प्रक्रिया है और इसमें सरकार या किसी राजनीतिक दल की कोई भूमिका नहीं है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी है, तो उसकी शिकायत संबंधित अधिकारी से करें, न कि सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करें।"

बीजेपी ने एनडीए नेताओं को "गठबंधन की गरिमा बनाए रखने" की नसीहत दी है और कहा है कि चुनाव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर गैरजिम्मेदाराना बयान उचित नहीं हैं।

क्या है SIR विवाद?

  • विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत नए मतदाताओं को जोड़ने, मृतकों के नाम हटाने और पुराने डेटा को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है।

  • विपक्ष का आरोप है कि यह अभियान एकतरफा तरीके से चलाया जा रहा है और इसमें सत्ता पक्ष के हित साधे जा रहे हैं।

  • अब एनडीए के अंदर से भी यह आवाजें उठना बीजेपी और जेडीयू के लिए चिंता का कारण बन सकती हैं।

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