बिहार में सिस्टम की सच्चाई, शव ले जाने को नहीं सड़क, खटिया पर रखकर नाव से श्मशान पहुंचा महिला का पार्थिव शरीर

बिहार में सरकारी तंत्र की लापरवाही और विकास की जमीनी हकीकत को देखने के लिए आपको कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं, बस मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के मधुवन प्रताप गांव आइए। यहां की स्थिति आज भी 21वीं सदी के भारत को शर्मसार करती है। सोमवार को हुई एक महिला की मौत के बाद जिस तरह उसका शव खटिया पर रखकर नाव के सहारे श्मशान घाट ले जाया गया, उसने प्रशासनिक व्यवस्था और सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि ग्रामीण महिला के पार्थिव शरीर को खटिया पर रखकर कीचड़ और पानी से भरे रास्ते पार करते हुए नाव तक पहुंचाते हैं और फिर नाव से श्मशान घाट तक जाते हैं। यह नजारा देख किसी भी संवेदनशील व्यक्ति का दिल दहल जाए।
गांव में सड़क, पुल और आधारभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। बरसात के दिनों में तो यह इलाका पूरी तरह जलमग्न हो जाता है और चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आता है। ऐसे में न केवल सामान्य जीवन प्रभावित होता है, बल्कि बीमार, वृद्ध और मृत व्यक्तियों को ले जाना भी ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने वर्षों से सड़क और पुल की मांग की है, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं, काम शुरू नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में गांव कटा हुआ टापू बन जाता है और गांव से बाहर निकलना लगभग असंभव हो जाता है।
एक ग्रामीण ने भावुक होते हुए कहा,
"जीते जी तो मुश्किलों का सामना करते हैं ही, अब तो मरने के बाद भी चैन नहीं मिलता। सरकार के लिए हम लोग शायद नागरिक ही नहीं हैं।"
इस मामले पर अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय अधिकारियों ने जांच कराने और जल्द समाधान का आश्वासन जरूर दिया है, जो बीते वर्षों से मिलते आ रहे वादों की तरह ही प्रतीत हो रहा है।