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गया में दर्दनाक हादसा: पोखर में डूबे पांच बच्चे, तीन की मौत, एक को बचाया गया

गया में दर्दनाक हादसा: पोखर में डूबे पांच बच्चे, तीन की मौत, एक को बचाया गया

जिले के मगध मेडिकल थाना क्षेत्र अंतर्गत बिपार्ड के पीछे स्थित काजीचक गांव में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब नहाने के लिए पोखर में उतरे पांच बच्चे डूब गए। इस हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक बच्चे को स्थानीय गोताखोरों की मदद से जीवित निकाल लिया गया। एक अन्य बच्चा किसी तरह तैरकर बाहर निकलने में सफल रहा।

पोखर में नहाने गए थे पांच बच्चे

घटना सोमवार दोपहर की है, जब गर्मी और उमस से राहत पाने के लिए गांव के पांच मासूम बच्चे पास के पोखर में नहाने चले गए। नहाने के दौरान अचानक गहराई में जाने के कारण सभी बच्चे पानी में डूबने लगे। शोर सुनकर आस-पास के लोग मौके पर दौड़े और स्थानीय गोताखोरों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया।

तीन बच्चों की मौत की पुष्टि

पुलिस और स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, डूबे पांच बच्चों में से तीन के शव बरामद किए जा चुके हैं। एक बच्चे को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाल लिया, जिसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वहीं एक बच्चा शुरुआती समय में ही पानी से बाहर निकलने में सफल हो गया था। मृतक सभी एक ही गांव काजीचक के रहने वाले थे और आपस में दोस्त थे।

मौके पर मचा कोहराम

घटना की जानकारी मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। जिन परिवारों ने अपने मासूम बच्चों को खेलने के लिए घर से भेजा था, उन्होंने उनका शव लौटते देखा, जिससे पूरा माहौल गमगीन हो गया। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने बताया कि यह पोखर काफी गहरा है, और पहले भी यहां हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा व्यवस्था नहीं की।

प्रशासन ने जताया दुख, जांच के आदेश

घटना की सूचना मिलते ही मगध मेडिकल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। स्थानीय प्रशासन ने भी मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को सहायता राशि देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

सुरक्षा उपायों की उठी मांग

इस दर्दनाक घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव के पोखरों और जलाशयों के चारों ओर बाड़बंदी की जाए, चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, और बच्चों को सुरक्षित नहाने की व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न दोहराए जाएं।

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