'जिस तरह से मुलायम सिंह...', तेज प्रताप-अखिलेश की वीडियो कॉल के बाद गर्म हुई बिहार की सियासत

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से वीडियो कॉल के बाद तेज प्रताप यादव की बिहार की राजनीति में नई पारी की उम्मीदों को झटका लगा है। बुधवार को अखिलेश यादव से वीडियो कॉल के बाद तेज प्रताप यादव काफी खुश नजर आए। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी और लालू प्रसाद यादव का साथ देगी। इससे पहले भी अखिलेश यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लालू जी की पार्टी के साथ खड़ी नजर आएगी।
गुरुवार को सपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि उनके पास दो बार कॉल आई, मैंने री-डायल किया। बातचीत विनम्रता से हुई। बिहार में हम तेजस्वी का साथ देंगे। अखिलेश यादव से वीडियो कॉल को लेकर तेज प्रताप यादव ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि आज मेरे परिवार के सबसे प्रिय सदस्यों में से एक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी से लंबी वीडियो कॉल हुई। इस दौरान बिहार के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई। अखिलेश जी हमेशा मेरे दिल के बहुत करीब रहे हैं और आज जब उनका अचानक निधन हो गया तो ऐसा लगा कि मैं इस लड़ाई में अकेला नहीं हूं। इस पोस्ट के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि तेजप्रताप सपा के टिकट पर महुआ या हसनपुर से चुनाव लड़ सकते हैं।
इटावा को लेकर कटाक्ष, ट्रंप को न डांटे
सपा प्रमुख ने इटावा की घटना को लेकर योगी सरकार पर हमला जारी रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में आने तक संविधान को मानने की बात कहती है, लेकिन सरकार बनने के बाद कोई बात नहीं मानती। जीरो टॉलरेंस की बात करने वालों को राज में सबसे ज्यादा परेशान किया जाता है। कहा कि इस सरकार में अधिकार नहीं है, सिर्फ सुनने का अधिकार है। कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया नहीं देख रही कि भारत में क्या हो रहा है, इसलिए ट्रंप को डांटते रहते हैं। सोचिए, ट्रंप को पता हो तो इटावा में क्या होगा।