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बिहार विधानसभा मानसून सत्र का दूसरा दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा, तेजस्वी यादव ने उठाया मतदाता पुनरीक्षण का मुद्दा

बिहार विधानसभा मानसून सत्र का दूसरा दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा, तेजस्वी यादव ने उठाया मतदाता पुनरीक्षण का मुद्दा

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र लगातार राजनीतिक गर्मी का केंद्र बना हुआ है। सत्र के दूसरे दिन भी सदन में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और उसके सहयोगी दलों ने मतदाता पुनरीक्षण (Voter Revision) के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इसको लेकर विधानसभा की पहली और दूसरी पाली हंगामे की भेंट चढ़ गई।

विपक्षी विधायकों ने विधानसभा परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है और इसका सीधा असर आगामी चुनावों की पारदर्शिता पर पड़ेगा।

लंच ब्रेक के बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया। उन्होंने कहा, "यह विषय सीधे तौर पर बिहार के करोड़ों मतदाताओं से जुड़ा हुआ है। जिन लोगों ने हमें चुनकर सदन में भेजा है, उन्हीं के अधिकारों का हनन हो रहा है। बिहार लोकतंत्र की जननी है, लेकिन अब यहां लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश की जा रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।"

तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष से भी इस पर संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने कहा, "आप खुद भी वोटरों से चुनकर आते हैं, सत्ता पक्ष के नेता भी उन्हीं वोटरों के जरिए सदन में पहुंचे हैं। लेकिन जो प्रक्रिया इस समय चुनाव आयोग द्वारा चलाई जा रही है, वह पूरी तरह से गलत है।"

उन्होंने विशेष तौर पर SIR (Special Instruction Report) का उल्लेख करते हुए कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण में इसका दुरुपयोग हो रहा है। तेजस्वी ने कहा कि सदन में इस विषय पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए और कार्य मंत्रणा समिति की विशेष बैठक बुलाकर इस मुद्दे पर फैसला लिया जाना चाहिए।

विपक्ष की इस मांग पर सत्ता पक्ष की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया, जिससे नाराज विपक्षी विधायक लगातार हंगामा करते रहे। इस कारण सदन की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा।

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र पहले ही दिन से तनावपूर्ण बना हुआ है। विपक्ष सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की रणनीति अपनाए हुए है, जबकि सरकार अपनी उपलब्धियों को गिनाने में लगी है। लेकिन मतदाता पुनरीक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच टकराव और गहरा होता दिख रहा है।

फिलहाल यह देखना होगा कि क्या सरकार विपक्ष की मांगों को सुनने को तैयार होती है या सत्र का अगला दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ता है।

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