जमशेदपुर सड़क हादसे में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान महेश राम का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, शोक में डूबा पूरा इलाका

झारखंड के जमशेदपुर में ड्यूटी के दौरान सड़क हादसे में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान महेश राम का पार्थिव शरीर जब बुधवार को कैमूर जिले के चांद प्रखंड स्थित उनके पैतृक गांव भेलाडीह पहुंचा, तो पूरे गांव में मातम छा गया। गांव की गलियों से लेकर हर चेहरे पर शोक और गर्व दोनों भाव साफ नजर आ रहे थे। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
शहीद की शहादत पर हर आंख नम
जैसे ही सेना के वाहन में तिरंगे में लिपटा महेश राम का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। जवान की मां, पत्नी और छोटे बच्चे अपने पिता और बेटे के शव से लिपटकर बिलखते रहे। इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
शहीद महेश राम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सीआरपीएफ के जवानों ने सलामी दी, जबकि जिला प्रशासन की ओर से अधिकारियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट पर किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बहादुर बेटे की वीरगाथा सुन गर्वित हुआ गांव
महेश राम की बहादुरी और देशभक्ति की कहानियां गांव में चर्चा का विषय बनी रहीं। ग्रामीणों का कहना है कि महेश हमेशा से ही साहसी और जिम्मेदार व्यक्ति थे, और उन्होंने देश के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक ने उन्हें ‘गांव का वीर सपूत’ बताया।
प्रशासन और नेताओं ने जताया शोक
शहीद महेश राम के निधन पर जिला प्रशासन और स्थानीय नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया। प्रशासन ने परिजनों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही शहीद जवान के परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने की भी बात कही गई।