मुंगेर में जवान के अपहरण और जानलेवा हमले से मचा हड़कंप, विभागीय साजिश के आरोप से उठे कई सवाल
राज्य की सुरक्षा में तैनात जवान अगर खुद असुरक्षित हो जाए, तो यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि पूरे सुरक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवालिया निशान है। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला बिहार के मुंगेर जिले के जमालपुर से सामने आया है, जहां बीएसएपी-9 (बिहार सैन्य पुलिस बल) में पदस्थापित जवान संतोष कुमार को हथियार के बल पर अगवा कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया।
इस सनसनीखेज घटना ने न केवल पुलिस विभाग को सकते में डाल दिया है, बल्कि आम लोगों के बीच भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। सबसे गंभीर बात यह है कि इस साजिश में संतोष के ही विभाग के कुछ लोगों के शामिल होने का आरोप लगा है।
क्या है पूरा मामला?
घटना की शुरुआत जमालपुर स्थित बीएसएपी-9 कैंपस से होती है, जहां संतोष कुमार ड्यूटी पर तैनात थे। बताया जा रहा है कि ड्यूटी रोटेशन और आपसी खींचतान को लेकर संतोष का अपने कुछ सहकर्मियों से विवाद चल रहा था। उसी विवाद के चलते कुछ लोगों ने कथित तौर पर हथियार के बल पर संतोष का अपहरण किया और फिर उसे रेलवे ट्रैक के पास फेंक दिया।
संतोष किसी तरह अपनी जान बचा कर मौके से भाग निकले और घटना की सूचना उच्च अधिकारियों को दी। पुलिस ने पीड़ित के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।
विभागीय साजिश के आरोप ने खड़े किए सवाल
इस घटना ने विभागीय गुटबाजी और आंतरिक कलह की गहराई को उजागर कर दिया है। अगर वाकई यह साजिश सहकर्मियों द्वारा रची गई थी, तो यह न केवल जवानों की आंतरिक सुरक्षा को लेकर खतरे की घंटी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि डिसिप्लिन और नेतृत्व की कमी ने सुरक्षा बल के भीतर अराजकता को जन्म दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। एक अधिकारी ने कहा:
“अगर कोई भी जवान इस प्रकार की हरकत में शामिल पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा बल के अनुशासन से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
जवानों में भय और आक्रोश
इस घटना के बाद बीएसएपी-9 कैंपस के जवानों में भय और नाराजगी का माहौल है। कुछ जवानों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि यूनिट में लंबे समय से गुटबाजी और दबाव की राजनीति चल रही है, लेकिन अब मामला हिंसा की हद तक पहुंच गया है।

