ईवीएम जांच प्रक्रिया, चुनावों से पूर्व मशीनों की पूर्ण क्रियाशीलता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कवायद

चुनावों से पूर्व ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की जांच प्रक्रिया एक तकनीकी और प्रारंभिक परीक्षण के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसका उद्देश्य सभी मशीनों की पूर्ण क्रियाशीलता, पारदर्शिता और त्रुटिरहित संचालन सुनिश्चित करना है। इस प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि ईवीएम चुनाव के दौरान पूरी तरह से कार्यशील और सही तरीके से कार्य कर सकें, ताकि चुनाव परिणामों में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
यह जांच कार्य जिला निर्वाचन पदाधिकारी की देखरेख में किया जाता है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL), हैदराबाद के प्रशिक्षित अभियंताओं की टीम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अभियंताओं द्वारा मशीनों की जांच की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी ईवीएम में कोई भी तकनीकी खामी या अन्य कोई गड़बड़ी न हो।
इस जांच प्रक्रिया में विशेष रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाता है:
-
मशीनों की कार्यक्षमता: यह सुनिश्चित करना कि मशीनें सही तरीके से काम कर रही हैं और चुनाव के दौरान किसी भी तरह की तकनीकी समस्या उत्पन्न न हो।
-
पारदर्शिता: चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि ईवीएम पूरी तरह से काम करें और कोई भी छेड़छाड़ न हो सके।
-
त्रुटिरहित संचालन: यह जांच भी की जाती है कि मशीनें बिना किसी विघ्न के संचालन कर रही हैं और मतों की गिनती में कोई गलती न हो।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और मीडिया को भी जांच प्रक्रिया में शामिल किया जाता है, ताकि चुनावी पारदर्शिता बनी रहे और सभी पक्षों को विश्वास हो कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो रहे हैं।
यह तकनीकी परीक्षण चुनावों के आयोजन से पहले एक अनिवार्य कदम है, जो लोकतंत्र की मजबूती और विश्वास को बढ़ाता है।