बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में जुटा चुनाव आयोग, नई तकनीकों का सफल परीक्षण

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आगामी बिहार विधानसभा आम चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है। इस दिशा में हाल ही में पांच राज्यों के पांच विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में नई तकनीकी और प्रबंधन पहलों का सफल परीक्षण किया गया है। ये पहलें मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी के नेतृत्व में विकसित की गई थीं।
इन पहलों का उद्देश्य भारत की चुनाव प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, सहभागी, तकनीक-सक्षम और मतदाता-केंद्रित बनाना है।
✅ क्या हैं ये नई पहलें?
-
डिजिटल तकनीक आधारित निगरानी व्यवस्था:
मतदान केंद्रों पर रियल-टाइम वीडियो निगरानी और AI आधारित विश्लेषण टूल्स का उपयोग किया गया। -
मतदाता सुविधा एप्लिकेशन में सुधार:
मतदाताओं को मोबाइल एप के माध्यम से मतदान केंद्र, लाइन की स्थिति और EVM की जानकारी दी गई। -
ई-विजिल प्लेटफॉर्म का उन्नत वर्जन:
आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों के तेजी से समाधान के लिए ई-विजिल ऐप को और अधिक शक्तिशाली बनाया गया। -
डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम:
EVM और वीवीपैट मशीनों की हर चरण में जियो-टैगिंग और डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था लागू की गई। -
पोलिंग स्टाफ की ऑनलाइन ट्रेंनिंग:
प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कर्मचारियों को ऑनलाइन मॉड्यूल और मॉक सत्र से तैयार किया गया।
🎯 क्या है उद्देश्य?
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि:
"इन पहलों का लक्ष्य केवल तकनीकी उन्नति नहीं, बल्कि विश्वास आधारित लोकतंत्र को मजबूत करना है, जिसमें हर मतदाता को यह भरोसा हो कि उसका मत सुरक्षित और प्रभावी है।"
🗳️ बिहार चुनाव के लिए क्या संकेत?
इन सफल परीक्षणों से संकेत मिलता है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव:
-
पहले से अधिक डिजिटल और पारदर्शी होंगे।
-
मतदाता सुविधा को केंद्र में रखते हुए पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
-
शक्तिशाली निगरानी और जवाबदेही तंत्र लागू होंगे।
🗣️ विशेषज्ञों की राय
चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत में चुनाव प्रक्रिया के "डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन" की ओर एक मजबूत कदम है, और यदि बिहार में ये पहलें लागू होती हैं तो यह राज्य के लोकतांत्रिक ढांचे को और मजबूती प्रदान करेंगी।