बिहार में बाभन समाज का असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा, दो साल पहले शुरू हुआ आंदोलन अब भी जारी
बिहार की राजनीति में इन दिनों बाभन (ब्राह्मण) समाज का असंतोष लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। दो दिन पहले राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपनी ही जाति से जुड़ी एक आवाज पर ध्यान दिया, मौके पर पहुंचकर पीड़ित से मुलाकात की और मरहम लगाने की कोशिश भी की। लेकिन इसके बावजूद बाभन समाज का गुस्सा शांत होता नजर नहीं आ रहा है।
दरअसल, इस असंतोष की शुरुआत करीब दो साल पहले हुई थी, जब बाभन समाज ने खुद को सत्ता, प्रशासन और नीतिगत फैसलों में उपेक्षित महसूस करना शुरू किया। समाज का आरोप है कि सरकार में भागीदारी और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भूमिका लगातार कमजोर होती जा रही है। इसी भावना ने धीरे-धीरे असंतोष का रूप ले लिया, जो अब समय-समय पर सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक दिखाई देता है।
हाल ही में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा एक ब्राह्मण परिवार की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई को लेकर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि सरकार समाज की बात सुन रही है। मंत्री ने न केवल पीड़ित से संवाद किया, बल्कि समाधान का भरोसा भी दिलाया। हालांकि, समाज के बड़े हिस्से का मानना है कि व्यक्तिगत मामलों में हस्तक्षेप काफी नहीं है, बल्कि उन्हें व्यापक स्तर पर राजनीतिक और प्रशासनिक भागीदारी चाहिए।

