प्रखंड कार्यालय ने ट्रैक्टर के नाम जारी कर दिया निवास प्रमाण पत्र, सोशल मीडिया पर मजाक का विषय बना
बिहार के मुंगेर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां सदर प्रखंड कार्यालय की ओर से सोनालिका ट्रैक्टर के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। यह अजीबोगरीब मामला अब चर्चा का विषय बन गया है और सरकारी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
इस अकल्पनीय गलती के बाद प्रशासन की भारी किरकिरी हो रही है। सोशल मीडिया पर यह प्रमाण पत्र वायरल हो चुका है और लोग इस पर चुटकी ले रहे हैं। मजाकिया अंदाज में लोग कह रहे हैं कि अब ट्रैक्टर भी बिहार में “स्थायी निवासी” हो गया है।
क्या है मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सदर प्रखंड कार्यालय में एक आवेदन के आधार पर निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया था। लेकिन जिस नाम से प्रमाण पत्र जारी हुआ, वह व्यक्ति का नहीं बल्कि एक "सोनालिका ट्रैक्टर" का नाम था। प्रमाण पत्र में स्पष्ट रूप से ट्रैक्टर को आवेदक के रूप में दर्ज किया गया, जिसमें न केवल नाम, बल्कि पिता का नाम और पता भी दर्ज था।
प्रशासन की सफाई और कार्रवाई
मामला सामने आने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) ने इस गलती को गंभीरता से लेते हुए संबंधित प्रमाण पत्र को तत्काल प्रभाव से रद्द करने और जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई का आदेश दिया है। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला मानवीय त्रुटि हो सकता है, लेकिन ऐसी चूक प्रशासन की छवि को धूमिल करती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स ने जमकर मजे लिए। कुछ ने लिखा, "अब ट्रैक्टर भी वोट देगा," तो किसी ने कहा, "अगली बार निवास प्रमाण पत्र गाय, बैल और जुगाड़ गाड़ी के नाम पर भी मिलेगा!" इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर सरकारी दफ्तरों की लापरवाही और कार्यसंस्कृति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विपक्ष का तंज
विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लपक लिया है। राजद और कांग्रेस नेताओं ने इसे प्रशासनिक अक्षमता बताते हुए सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि जब मशीनों के नाम प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं, तो आम जनता को उनके हक के कागजात कैसे मिलेंगे?

