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सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में बनेगा भव्य जानकी मंदिर, बिहार सरकार ने गठित की न्यास समिति

सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में बनेगा भव्य जानकी मंदिर, बिहार सरकार ने गठित की न्यास समिति

बिहार सरकार ने सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम को धार्मिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को राज्य सरकार ने पुनौरा धाम में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण की घोषणा की। यह मंदिर माता सीता की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है और इसे अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी न्यास समिति

इस भव्य परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 9 सदस्यीय न्यास समिति (Trust Committee) का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव करेंगे। यह समिति मंदिर के पुनर्विकास और पुनर्निर्माण कार्य की निगरानी करेगी और इससे जुड़े सभी कार्यों की रूपरेखा तय करेगी।

क्या होगा मंदिर में खास?

जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित जानकी मंदिर में बिहार की पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक निर्माण तकनीकों का समन्वय होगा। मंदिर को श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए पर्याप्त सुविधाएं जैसे:

  • धर्मशाला

  • संग्रहालय

  • अध्यात्म केंद्र

  • पार्किंग व विश्राम स्थल

  • पर्यटन सहायता केंद्र

  • रोशनी, जल और स्वच्छता की आधुनिक व्यवस्था

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

पुनौरा धाम, जिसे मां जानकी की जन्मस्थली माना जाता है, पहले से ही देश के कई हिस्सों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। लेकिन सुविधाओं की कमी और समुचित प्रचार के अभाव में यह स्थल अपेक्षित स्तर तक विकसित नहीं हो पाया था। अब जब राज्य सरकार ने इसे प्राथमिकता में रखा है, तो इससे धार्मिक पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

बिहार पर्यटन विभाग का मानना है कि मंदिर निर्माण से क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को भी गति मिलेगी। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और वैश्विक स्तर पर पुनौरा धाम की पहचान मजबूत होगी।

सरकार का उद्देश्य

बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह राज्य के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी यह संकेत दे चुके हैं कि मिथिला क्षेत्र की धार्मिक धरोहरों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए विशेष पहल की जाएगी।

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