Samachar Nama
×

बिहार सरकार ने अयोध्या को पुनौरा धाम से जोड़ने वाले “राम जानकी पथ” के शेष एलाइनमेंट को दी मंजूरी

भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े स्थलों को सड़क मार्ग से जोड़ने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अयोध्या (उत्तर प्रदेश) और सीतामढ़ी (बिहार) को जोड़ने वाले 240 किलोमीटर...

भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े स्थलों को सड़क मार्ग से जोड़ने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अयोध्या (उत्तर प्रदेश) और सीतामढ़ी (बिहार) को जोड़ने वाले 240 किलोमीटर लंबे राम जानकी पथ के अंतिम एलाइनमेंट को हाल ही में मंजूरी दे दी है। यह मार्ग भगवान श्रीराम और माता सीता के जीवन से जुड़ी स्थलों को जोड़ने वाला एक सांस्कृतिक हाईवे होगा, जिसकी कुल लागत लगभग 6155 करोड़ रुपये आंकी गई है।

अयोध्या से नेपाल सीमा तक रामायण पथ

यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की परियोजना उत्तर प्रदेश के मेहरौना घाट से शुरू होकर नेपाल सीमा के पास सीतामढ़ी के भिट्ठा मोड़ तक जाएगी। राम जानकी पथ की कुल लंबाई लगभग 240 किलोमीटर होगी, जो बिहार के सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी जिलों से होकर गुजरेगी। परियोजना का उद्देश्य न सिर्फ भारत के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि सीमावर्ती इलाकों की कनेक्टिविटी को भी मजबूत बनाना है।

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा

राम जानकी पथ के निर्माण से भगवान श्रीराम के जन्मस्थान अयोध्या और माता सीता के जन्मस्थान पुनौरा धाम, सीतामढ़ी के बीच सड़क यात्रा को सुगम बनाया जाएगा। यह मार्ग दोनों धार्मिक स्थलों के बीच श्रद्धालुओं को आसान और सुरक्षित यात्रा का अवसर देगा। परियोजना के पूरा होने पर रामायण सर्किट से जुड़े कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल एक-दूसरे से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

परियोजना की स्थिति और लागत विवरण

परियोजना को तीन खंडों में विभाजित किया गया है:

  1. मेहरौना से सीवान तक:

    • लंबाई: लगभग 50 किमी

    • अनुमानित लागत: 1254 करोड़ रुपये

    • स्थिति: टेंडर प्रक्रिया पूर्ण

  2. सीवान से मसरख तक:

    • लंबाई: लगभग 40 किमी

    • अनुमानित लागत: 1351 करोड़ रुपये

    • स्थिति: टेंडर प्रक्रिया पूर्ण

  3. मसरख से भिट्ठा मोड़ (सीतामढ़ी) तक:

    • लंबाई: लगभग 150 किमी

    • अनुमानित लागत: 3500 करोड़ रुपये

    • स्थिति: एलाइनमेंट को मंजूरी मिल चुकी है, भूमि अधिग्रहण और टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी

एलाइनमेंट स्वीकृति समिति की भूमिका

इस परियोजना की अंतिम एलाइनमेंट को हाल ही में मंत्रालय की एलाइनमेंट स्वीकृति समिति (Alignment Approval Committee) ने मंजूरी दी है। समिति ने विशेष रूप से मसरख से भिट्ठा मोड़ के बीच के मार्ग को हरी झंडी दी है। यह मंजूरी परियोजना के लिए मील का पत्थर मानी जा रही है, क्योंकि इससे अब भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।

रेलवे परियोजना को भी मिली हरी झंडी

सड़क परियोजना के समानांतर, केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2024 में अयोध्या-सीतामढ़ी रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण की योजना को भी मंजूरी दी थी। इस योजना की कुल अनुमानित लागत 4563 करोड़ रुपये है। राज्य सरकार ने इस योजना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई। इस परियोजना से दोनों शहरों के बीच ट्रेन यात्रा भी सुगम और तेज हो सकेगी।

राज्य सरकार की भूमि अधिग्रहण पहल

बिहार सरकार ने राम जानकी पथ परियोजना को समर्थन देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सितंबर 2024 में राज्य सरकार ने सीतामढ़ी के पुनौरा धाम के पास 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी। इस जमीन का उपयोग मंदिर क्षेत्र के चारों ओर आवश्यक बुनियादी सुविधाओं और श्रद्धालुओं के लिए ठहरने, यातायात और अन्य व्यवस्था के लिए किया जाएगा।

धार्मिक स्थलों के समग्र विकास की योजना

राम जानकी पथ के साथ-साथ, बिहार सरकार ने फरवरी 2025 में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के अन्य धार्मिक स्थलों के विकास के लिए पर्यटन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस प्रस्ताव में निम्नलिखित स्थलों को शामिल किया गया है:

  • हरिहर मंदिर, सोनपुर

  • सोमेश्वर नाथ मंदिर, अरेराज

  • सिहेनेश्वर स्थान, मधेपुरा

  • कुशेश्वर स्थान, दरभंगा

  • पूरण देवी मंदिर, पूर्णिया

इन सभी स्थलों पर समग्र विकास कार्य किए जाएंगे, जिनमें बुनियादी ढांचा, सड़क, जल निकासी, रोशनी, पार्किंग और पर्यटन सुविधाओं का निर्माण शामिल होगा।

कैबिनेट की मंजूरी से 136 परियोजनाओं को मिला बल

उक्त कैबिनेट बैठक में कुल 136 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई थी, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है। इनमें न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्य शामिल हैं, बल्कि बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और शहरी विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय भी शामिल थे।

Share this story

Tags