
बिहार में एनडीए (नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार) और लालू परिवार के बीच परिवारवाद को लेकर तकरार तो पुरानी है, लेकिन अब इस चुनावी वर्ष में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर “दमादवाद” का आरोप मढ़ते हुए जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी यादव का कहना है कि नीतीश सरकार ने अपने नेताओं के दामादों को सरकारी आयोगों में जगह दी है, और वे राज्य की चिंता छोड़कर सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों को फायदा पहुंचाने में लगे हैं।
🗣️ तेजस्वी यादव का आरोप
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा तंज कसा। उन्होंने लिखा,
"न रोजगार के लिए, ना बिहार के लिए वो चिंता करते हैं, सिर्फ अपने प्यारे दामाद के लिए चिंता करते हैं।"
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार के द्वारा सरकारी आयोगों में राजनीतिक नेताओं के दामादों को सुरक्षित जगह दी जा रही है, जबकि राज्य की विकास प्रक्रिया और नौकरी के मामलों में सरकार की कोई साफ योजना नहीं है।
🔥 तेजस्वी का हमलावर अंदाज
प्रेस कांफ्रेंस और सोशल मीडिया पर तेजस्वी ने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि सरकार की ग़लत नीतियों की वजह से बिहार में बेरोजगारी बढ़ रही है। उनका आरोप है कि नीतीश कुमार सिर्फ अपने पारिवारिक हितों को आगे बढ़ा रहे हैं, और बिहार की विकास दर और नौकरी के अवसर लगातार घटते जा रहे हैं।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने पहले परिवारवाद पर एनडीए को घेरा था, लेकिन अब वही धारा पलटकर उनका दामादवाद सामने आ रहा है।
🏛️ दामादवाद का आरोप और आयोगों में नियुक्तियां
तेजस्वी ने विशेष रूप से उन नियुक्तियों का जिक्र किया, जहां नीतीश कुमार के करीबी नेताओं के दामादों को आयोगों में नियुक्त किया गया। इन नियुक्तियों को लेकर तेजस्वी ने कड़ी आलोचना की है और इसे बिहार में राजनीतिक परिवारवाद का सबसे बड़ा उदाहरण बताया।
💥 राजनीतिक प्रतिक्रिया
बिहार में चुनावी माहौल गर्म होता जा रहा है, और तेजस्वी यादव की यह बयानबाजी बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।
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एनडीए ने तेजस्वी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि तेजस्वी परिवारवाद के मुद्दे को उठाकर अपनी राजनीतिक असफलता को छिपाना चाहते हैं।
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तेजस्वी यादव के हमलों पर नीतीश सरकार के नेताओं ने भी पलटवार किया है, और आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव खुद परिवारवाद के बड़े समर्थक हैं।