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तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए गंभीर सवाल, सत्तारूढ़ गठबंधन पर आरोप

तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए गंभीर सवाल, सत्तारूढ़ गठबंधन पर आरोपतेजस्वी यादव ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए गंभीर सवाल, सत्तारूढ़ गठबंधन पर आरोप

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर चुनाव आयोग मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण करवा रहा है, जो चुनाव से पहले की एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है। हालांकि, इस बार बिहार में इस प्रक्रिया को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। विपक्ष के नेता और महागठबंधन के संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।

तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को इस प्रक्रिया को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की साजिश करार दिया और कहा कि चुनाव से पहले मतदाता सूची में बदलाव और पुनरीक्षण के पीछे सत्ता में बैठे लोगों की नीयत साफ नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस पुनरीक्षण के जरिए भाजपा और उसके सहयोगी दल वोटों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित हो सके।

तेजस्वी यादव ने कई सवाल उठाए और चुनाव आयोग पर भी सवालिया निशान खड़ा किया, यह पूछते हुए कि किस आधार पर वोटर सूची में संशोधन किया जा रहा है और क्या इसे पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या चुनाव आयोग और राज्य सरकार इस प्रक्रिया में पूरी तरह से निष्पक्ष हैं।

इस बीच, 'अमर उजाला' ने उपलब्ध दस्तावेजों और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों से बातचीत की और इस मुद्दे की गहन पड़ताल की। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग इस बार मतदाता सूची की सटीकता को लेकर बेहद सतर्क है और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए सभी कदम उठा रहा है। अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि सभी कदम कानून और नियमों के तहत उठाए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।

हालांकि, विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्ता में बैठे दल इस प्रक्रिया का इस्तेमाल मतदाता सूची में छेड़छाड़ करने के लिए कर सकते हैं, ताकि चुनावी फायदा उठाया जा सके। इस मुद्दे को लेकर आगे आने वाले दिनों में और भी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं, जब चुनावी प्रचार तेज होगा।

इस मामले पर चुनाव आयोग की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन चुनाव से पहले इस तरह की प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक पक्षों के बीच तीखी बहस चल रही है।

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