बिहार विधानसभा में एसआईआर पर गरमाई सियासत, तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर बड़ा हमला
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है और सदन में विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान को लेकर जबरदस्त राजनीतिक घमासान देखने को मिल रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोलते हुए इसे संवैधानिक मर्यादा से बाहर जाने का आरोप लगाया।
तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा, “बिहार दस्तावेजों के मामले में सबसे फिसड्डी है। ऐसे में मतदाता सूची को लेकर इस तरह की सख्ती संदेहास्पद है। नागरिकता तय करने का अधिकार भारत सरकार और गृह मंत्रालय का होता है, न कि चुनाव आयोग का।”
उन्होंने कहा कि एसआईआर की आड़ में राज्य के लाखों लोगों को मतदाता सूची से बाहर किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के मूल अधिकारों का हनन है। तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि जिन 52.30 लाख वोटरों को ‘अवैध’ बताया गया है, उनकी जांच का आधार क्या है और यह प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है?
तेजस्वी यादव ने सरकार और आयोग से यह भी मांग की कि मतदाता सूची से हटाए गए सभी नामों की सार्वजनिक सूची जारी की जाए और प्रभावित लोगों को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाए। इस मुद्दे पर सदन में विपक्ष का स्वर तेज़ है, जबकि सत्ता पक्ष ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को सही ठहराया है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बिहार की सियासत और गरमा सकती है।

