तेज प्रताप यादव ने जताई जान को खतरे की आशंका, उपमुख्यमंत्री से मांगी अतिरिक्त सुरक्षा
बिहार की राजनीति में एक बार फिर सुरक्षा को लेकर चिंता का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी जान को खतरा बताते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने पटना के सचिवालय थाना में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है, जिसमें अपने पूर्व सहयोगी संतोष रेणु पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
तेज प्रताप यादव का कहना है कि हाल के दिनों में राजनीतिक और व्यक्तिगत कारणों से उनकी सुरक्षा को लेकर खतरे बढ़ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि संतोष रेणु की गतिविधियां संदिग्ध हैं और उनसे उन्हें नुकसान पहुंचाया जा सकता है। तेज प्रताप ने शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि वर्तमान हालात उनके लिए सुरक्षित नहीं हैं और किसी भी अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। सचिवालय थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत में लगाए गए आरोपों की गहनता से जांच की जा रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा। जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति से पूछताछ भी की जा सकती है।
तेज प्रताप यादव पहले भी कई बार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जता चुके हैं। वे बिहार की राजनीति में एक चर्चित चेहरा रहे हैं और अपने बेबाक बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। ऐसे में उनके द्वारा सुरक्षा बढ़ाने की मांग को प्रशासन गंभीरता से ले रहा है। सूत्रों के अनुसार, उनकी वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है और रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जा सकता है।
राजनीतिक गलियारों में इस घटनाक्रम को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। राजद नेताओं ने तेज प्रताप यादव की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की है। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे राज्य की कानून-व्यवस्था से जोड़ते हुए सवाल खड़े किए हैं।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि किसी भी जनप्रतिनिधि या नागरिक की सुरक्षा सर्वोपरि है। यदि जांच में खतरे की आशंका सही पाई जाती है, तो तेज प्रताप यादव को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। फिलहाल, पुलिस तकनीकी और मानवीय दोनों स्तरों पर मामले की जांच कर रही है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर बिहार में नेताओं की सुरक्षा और राजनीतिक टकराव के मुद्दे को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। अब सबकी नजरें पुलिस जांच और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि तेज प्रताप यादव की आशंका कितनी वास्तविक है और प्रशासन इसे लेकर क्या ठोस कार्रवाई करता है।

