‘अब तो हद हो गई’, एक बार फिर जयचंद पर भड़के तेज प्रताप यादव, नई राजनीतिक पार्टी बनाने की खबरों को बताया अफवाह

आजाद बिहार के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि वे अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं, लेकिन अब तेज प्रताप ने इन खबरों को अफवाह बताते हुए साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने बिहार के जनता से अपील की है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और साथ ही सोशल मीडिया पर पार्टी के अंदरूनी मतभेद फैलाने वालों के खिलाफ भी सख्त प्रतिक्रिया दी है।
अटकलों पर विराम
तेज प्रताप यादव के बयान ने फिलहाल उन सभी अटकलों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा जा रहा था कि वे नई पार्टी बनाएंगे। हालांकि, उनकी बातों से यह जाहिर होता है कि वे राजद (RJD) के अंदर सब कुछ ठीक नहीं समझते। राजनीतिक विश्लेषकों की राय है कि यह फिलहाल की चुप्पी है और आने वाले समय में तेज प्रताप की राजनीतिक चाल पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वे पार्टी के भीतर चल रही जटिलताओं और खींचतान का हिस्सा बने रहेंगे और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर नए कदम उठा सकते हैं।
जयचंद्रों पर निशाना
तेज प्रताप यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब सोशल मीडिया पर उनकी और एक महिला अनुष्का यादव की कुछ वीडियो और तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। इन वायरल पोस्टों में दावा किया गया है कि तेज प्रताप ने लगभग 12 साल पहले गुपचुप शादी कर ली थी। इस आरोप के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया और पारिवारिक तौर पर भी उन्हें बेदखल करने की घोषणा की।
हालांकि, इस मामले पर तेज प्रताप की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन वे लगातार सोशल मीडिया पर पार्टी के अंदर के 'जयचंद्रों' यानी ऐसे लोगों पर निशाना साध रहे हैं जो पार्टी के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी करते हैं या अफवाहें फैलाते हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि तेज प्रताप पार्टी की अंदरूनी राजनीति से असहज हैं और वे उन लोगों को चुनौती दे रहे हैं जो उनकी छवि और राजनीतिक भविष्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि तेज प्रताप की यह प्रतिक्रिया उनके अंदर की नाराजगी का इजहार है, लेकिन फिलहाल वे अपनी राजनीतिक गतिविधियों को नियंत्रित कर रहे हैं। आगामी दिनों में उनके बयान और कदम बिहार की राजनीति में नए बदलाव ला सकते हैं।