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सूर्य महल पोखर विवाद, हिंदू-मुस्लिम पक्ष के बीच बढ़ा तनाव, भूमि के अधिकार पर सवाल

सूर्य महल पोखर विवाद: हिंदू-मुस्लिम पक्ष के बीच बढ़ा तनाव, भूमि के अधिकार पर सवाल

जिले के अगरपुर और चकदरिया मौजों में स्थित सूर्य महल पोखर के उपयोग को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच लंबे समय से जारी विवाद अब एक नई दिशा में बढ़ गया है। यह विवाद अगरपुर मौजा के खाता संख्या 1230, खेसरा 2718, 2719, 2720 और चकदरिया मौजा के खाता 342-343, खेसरा 171, 172 से जुड़ा है, जहां यह पोखर और भिंड गैरमजरूआ आम भूमि के रूप में खतियान में दर्ज है।

विवाद की शुरुआत

यह विवाद तब शुरू हुआ था जब दोनों समुदायों ने इस पोखर का स्वामित्व और उपयोग करने का दावा किया। एक ओर जहां हिंदू पक्ष इस पोखर को अपने धार्मिक आयोजनों और पूजापाठ के लिए पवित्र स्थल मानते हैं, वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह जमीन उनकी धार्मिक परंपराओं के हिसाब से उपयोग की जाती रही है। यह विवाद खासतौर पर पानी की आपूर्ति और मासिक पूजा जैसे धार्मिक कार्यों के लिए पोखर के उपयोग को लेकर गहराया।

भूमि के अधिकार पर विवाद

सभी जमीनों और जल स्रोतों का रखरखाव और अधिकार स्थानीय समुदायों के बीच स्वीकृत परंपराओं और सरकारी दस्तावेजों के आधार पर होता है। इस पोखर की खतियान में दर्ज भूमि की स्थिति ने इस विवाद को और जटिल बना दिया है। गैरमजरूआ आम भूमि का मतलब है कि यह भूमि सरकारी संपत्ति है, जिसका किसी एक पक्ष पर विशेष अधिकार नहीं है, लेकिन स्थानीय विवाद के कारण इस पर कई वर्षों से अलग-अलग समुदायों का दावा रहा है।

समाधान की दिशा

इस विवाद के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने स्थानीय पंचायतों और पारंपरिक नेताओं से बातचीत शुरू की है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि दोनों पक्षों को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार स्थायी समाधान मिले। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है, ताकि सुरक्षित और साझा समाधान निकाला जा सके।

राजनीतिक बयानबाजी और तनाव

इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है, जब स्थानीय नेताओं ने अपनी राजनीतिक बयानबाजी के माध्यम से इस मुद्दे को सामाजिक ध्रुवीकरण की ओर मोड़ने की कोशिश की। इस पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन की ओर से कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि कोई हिंसक घटना न हो और दोनों पक्षों में शांति बनी रहे।

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