कटिहार का सुधानी मध्य विद्यालय: कक्षाओं को ट्रेन की बोगियों जैसा रंगीन रूप देकर शिक्षा को मजेदार बनाया
बिहार के कटिहार जिले के सुधानी मध्य विद्यालय ने ग्रामीण शिक्षा को नया आयाम देने के लिए एक अनोखा प्रयोग किया है। यहां कक्षाओं की दीवारों को ट्रेन की बोगियों जैसा रंग-बिरंगे पेंट से सजाया गया है, जिससे बच्चों को पढ़ाई में मजा आ रहा है और उनकी स्कूल में उपस्थिति भी बढ़ी है।
रचनात्मक पहल ने बच्चों की रुचि को बढ़ाया
सुधानी मध्य विद्यालय में कक्षाओं की दीवारों को ट्रेन की बोगियों की तरह सजाया गया है, ताकि बच्चों को स्कूल में आने का एक नया अनुभव मिले। रंग-बिरंगे पेंट्स और आकर्षक डिजाइन ने न केवल कक्षाओं को सुंदर बना दिया, बल्कि बच्चों की रुचि भी पढ़ाई में दोगुनी कर दी है। अब स्कूल जाना बच्चों के लिए एक रोमांचक सफर बन गया है, जहां पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें कला और रचनात्मकता का भी आनंद मिल रहा है।
ग्रामीण शिक्षा में सुधार की दिशा में कदम
यह पहल न सिर्फ कक्षाओं के वातावरण को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि यह ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को भी एक नया आयाम दे रही है। स्कूल की रंगीन दीवारों ने बच्चों को स्कूल में अधिक समय बिताने के लिए प्रेरित किया है, जिससे उनकी पढ़ाई में भी सुधार हुआ है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को शिक्षण प्रक्रिया में अधिक सक्रिय और रुचिकर तरीके से शामिल करना है।
बच्चों के बीच उपस्थिति में वृद्धि
इस रंग-बिरंगे और रचनात्मक बदलाव के बाद, सुधानी मध्य विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति में भी इजाफा हुआ है। पहले जहां बच्चे स्कूल में कम रुचि दिखाते थे, अब वही बच्चे उत्साह के साथ स्कूल आते हैं। स्कूल प्रशासन का मानना है कि यह बदलाव बच्चों की मानसिकता को सकारात्मक दिशा में प्रभावित करेगा और उनके शिक्षा के प्रति लगाव को बढ़ाएगा।
समाज में प्रेरणा का स्रोत
सुधानी मध्य विद्यालय की यह पहल न केवल कटिहार, बल्कि पूरे बिहार में एक मिसाल के रूप में उभरी है। यह साबित करता है कि शिक्षा का माहौल और दृष्टिकोण बदलने के लिए रचनात्मकता की कितनी अहमियत हो सकती है। इस प्रयोग से यह संदेश भी जाता है कि अगर स्कूलों में बच्चों के लिए दिलचस्प और आकर्षक वातावरण बनाया जाए, तो उनकी पढ़ाई में रुचि और उत्साह दोगुना हो सकता है।

