जमीन के मामलों में फर्जीवाड़े पर नकेल कसने में नाकाम राज्य सरकार, कहलगांव में फर्जी केवाला पर जमाबंदी की जांच शुरू

राज्य सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भूमि से संबंधित फर्जीवाड़े थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में एक नया मामला सामने आया है, जिसमें कहलगांव के श्यामपुर में फर्जी केवाला के आधार पर अंचल कार्यालय में जमाबंदी कायम की गई है। यह पूरी प्रक्रिया बिना अंचलकर्मियों के मिलीभगत के संभव नहीं हो सकती।
मामले का खुलासा
कहलगांव के श्यामपुर क्षेत्र में फर्जी केवाला के माध्यम से भूमि संबंधी दस्तावेज तैयार किए गए और इसे अंचल कार्यालय में मान्यता मिल गई। इस मामले में आरोप है कि जमीन का असली मालिक परेशान हो रहा है, जबकि फर्जी दस्तावेजों पर जमाबंदी दर्ज हो गई है। यह मामला राज्य सरकार के भूमि संबंधित मामलों में भ्रष्टाचार और मिलिभगत के मुद्दों को उजागर करता है।
अंचल कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका
इस घटना में साफ तौर पर यह दिख रहा है कि बिना अंचल कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत के ऐसा बड़ा फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता। भूमि मामलों की संवेदनशीलता को देखते हुए इस मामले की गहन जांच की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के घोटालों पर रोक लगाई जा सके और दोषियों को सजा मिल सके।
राज्य सरकार की भूमिका
राज्य सरकार भूमि विवादों और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि जमीनी स्तर पर सुधार की जरूरत है। सख्त निगरानी, पारदर्शिता और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने से ही इस प्रकार के घोटालों पर काबू पाया जा सकता है।